रजिस्ट्री के साथ नामांतरण तत्काल करने के प्रावधान के बाद यह आदेश जारी किया गया है। रजिस्ट्री में आने वाली दिक्कतों को दूर करने पहले हर पटवारी हल्के में रकबे का बटांकन जरूरी है। तभी आवेदन आने पर नामांतरण जल्द हो पाएगा। प्रदेश में कई पटवारी हल्के ऐसे हैं, जिनके रकबे का बटांकन वर्षों से नहीं होने के कारण विवाद बढ़ता जा रहा है। विवादित प्रकरणों को छोड़कर अन्य प्रकरणों में नक्शा और बटांकन अपडेट करने के निर्देश हैं। बढ़ते लंबित राजस्व प्रकरणों के कारण जिलों में बड़ी संख्या में प्रकरण वर्षों से पड़े हैं।
रजिस्ट्री कराने बटांकन जरूरी
जमीन रजिस्ट्री को लेकर नक्शे का बटांकन करने का आदेश जारी कर दिया गया है। पहले जमीन खरीदने के लिए सिर्फ चौहद्दी (उक्त जमीन के चारों तरफ जिनकी जमीन उसकी रिपोर्ट) बना ली जाती थी। इसके आधार पर सीधे जमीन की रजिस्ट्री कर दी जाती थी। इसमें कई बार विवाद की स्थिति आने के करण इसके नियमों में बदलाव कर दिया गया। अब जमीन की चौहद्दी के साथ नक्शे का बटांकन भी करना होगा। तभी इसकी रजिस्ट्री हो पाएगी।
जमीन की पहचान में मदद
नक्शा बटांकन कराने से लोगों को कई लाभ मिलते हैं। यह भूमि संबंधी विवादों को कम करने, बैंक लोन और रजिस्ट्री जैसे कार्यों को सरल बनाने और जमीन के टुकड़ों की सटीक पहचान में मदद करता है। नए आदेश से तहसीलदारों और पटवारियों की समस्या बढ़ गई है, क्योंकि बटांकन करने में उन्हें काफी दिक्कत होगी।
इन मामलों में तेजी लाने के निर्देश
विवादित एवं अविवादित नामांतरण, विवादित एवं अविवादित बंटवारा, नक्शा बटांकन, व्यपवर्तन, अभिलेख शुद्धता, आरबीसी 6-4, स्वामित्व योजना, आधार प्रविष्टि, भू-अर्जन, वसूली आदि प्रकरणों के निराकरण की तहसीलवार समीक्षा करते हुए नक्शा बटांकन के कार्य में लक्ष्य के अनुरूप प्रगति लाने निर्देश दिए। साथ ही न्यायालयवार ई-कोर्ट की प्रगति, डायवर्सन, आधार सीडिंग, भू-अर्जन के प्रकरणों, मुख्यमंत्री जनशिकायत और कलेक्टर जनदर्शन के आवेदनों पर भी कार्यवाही के निर्देश जारी किए गए हैं।