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हमास की राह पर पाकिस्‍तान के आतंकी संगठन लश्‍कर और जैश, एलओसी पर भारत के खिलाफ कर रहे बड़ी साजिश!

lashkar

इस्‍लामाबाद: पाकिस्‍तान स्थित आतंकी संगठन लश्‍कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्‍मद एक बार फिर से भारत के खिलाफ बड़ी आतंकी साजिश को अंजाम देने में लग गए हैं। ये संगठन इस बार हमास के आतंकी हमले से प्रेरित हैं। सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों की मानें तो इजरायल-हमास संघर्ष के शुरू होने के बाद से लश्‍कर और जैश दोनों ही संगठन इस समय भारत के साथ लगी नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर आक्रामक तरीके से गतिविधियों में तेजी ला रहे हैं। हमास के आतंकी हमले के बाद से ही सुरक्षा एजेंसियां चौकन्‍नी हैं। पिछले कुछ दिनों से सीमा पर घुसपैठ में कुछ इजाफा भी देखा गया है।

कमजोर पड़ रहे आतंकी संगठन

सूत्रों के हवाले से बताया है कि ऐतिहासिक तौर पर लश्कर और जैश को ऐसी ताकतों के रूप में नहीं देखा गया है जो किसी तीसरे देश के साथ मिलकर लड़ेंगे। सुरक्षा सूत्रों की मानें तो दोनों संगठन अपनी मौजूदगी दर्ज कराना चाहते हैं और ऐसे में उन्हें एलओसी पर सक्रिय रहना होगा। कहा जा रहा है कि अचानक शरणार्थी संकट और तहरीक-ए-जेहाद पाकिस्तान (टीजेपी) या तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के हमलों के कारण, लश्कर और जैश घरेलू स्‍तर पर अपना आधार खोते जा रहे हैं। उनकी पकड़ भी कमजोर हो रही है और उन्‍हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक खुद को हमास, हिजबुल्लाह, टीटीपी या टीजेपी के बराबर साबित करने के लिए एलओसी पर बड़ी कार्रवाई दिखानी होगी।

ड्रोन गतिविधियों में इजाफा

सुरक्षा एजेंसी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पिछले महीने में ड्रोन गतिविधियों में काफी इजाफा हुआ है। वे एक दिन में करीब लगभग दो से तीन बार उड़ान भर रहे हैं। एजेंसियों के मुताबिक उनके पास कोई अचूक तंत्र नहीं है इसलिए हर ड्रोन को पकड़ना मुश्किल है। सूत्रों की मानें तो एक बड़ा बदलाव यह है कि पाकिस्तानी रेंजर्स अब अंतरराष्‍ट्रीय सीमा (आईबी) के बहुत करीब आ रहे हैं और अमृतसर की ओर ड्रोन भेज रहे हैं। अधिकारियों की मानें तो बॉर्डर के बहुत करीब से ड्रोन गांव के अंदर तक आते हैं और हथियार और ड्रग्स पहुंचाए जाते हैं। उनका कहना है कि इनके जरिए आतंकवादी गतिविधियों के लिए हथियार स्थानीय गैंगस्टरों को मुहैया कराए जाते हैं।

हमास स्‍टाइल में हमलों की तैयारी!

टॉप इंटेलीजेंस सूत्रों की मानें तो भारत के लिए एक बड़ी चिंता यह है कि लश्कर और जैश जम्मू-कश्मीर में हमास स्‍टाइल में हमलों को अंजाम दे सकते हैं। सूत्रों ने कहा है कि कश्मीर में 60 से ज्‍यादा विदेशी आतंकवादी इंतजार कर रहे हैं और उनके ठिकानों के बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में, सीमा पर आतंकवादियों ने साल 2019 की तरह सर्जिकल स्ट्राइक की आशंका में अपने लॉन्चिंग पैड बदल दिए हैं। लॉन्चिंग पैड भारतीय एजेंसियों की नजरों से दूर अलग-अलग स्थानों पर चले गए हैं।

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