Site icon khabriram

पाकिस्तान का दावा- भारत बना रहा अबतक का सबसे घातक मिसाइल

Pakistan on Surya Missile: पाकिस्तानी रक्षा विशेषज्ञ (Pakistani Defence Expert) ने भारत (India) की मिसाइल प्रणाली को लेकर बड़ा दावा किया है। पाकिस्तान के इस्लामाबाद की कायद-ए-आजम यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पॉलिटिक्स एंड इंटरनेशनल रिलेशंस में एक रक्षा विशेषज्ञ प्रोफेसर जफर नवाज जसपाल ने दावा किया है कि भारत अबतक का सबसे घातक सूर्या मिसाइल बना रहा है। इस इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) की क्षमता 10 हजार से लेकर 12 हजार तक हो सकती है। ये मिसाइल एशिया छोड़ो अमेरिका से यूरोप तक तबाही मचा देगा।

प्रोफेसर जसपाल ने बताया कि इस सूर्या ICBM की रेंज 10,000 से 12,000 किलोमीटर तक हो सकती है। इसका स्पष्ट मतलब है कि भारत की मिसाइल क्षमता अब अमेरिका तक पहुंच सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की मिसाइल का विकास पाकिस्तान के लिए नहीं, बल्कि अमेरिका, यूरोप और रूस के लिए चिंता का कारण होना चाहिए. क्योंकि भारत के पास पहले से कई मिसाइलें उपलब्ध हैं जो पाकिस्तान के किसी भी हिस्से को निशाना बना सकती हैं।

भारत ने पाकिस्तान के दावे को नकारा

वहीं, भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने इस तरह के किसी ‘सूर्या ICBM’ प्रोजेक्ट पर काम करने की बात को सिरे से नकार दिया है। डीआरडीओ के अधिकारियों ने पहले ही इस बात को स्पष्ट किया है कि भारत का फोकस अपनी रक्षात्मक क्षमता को बढ़ाने पर है, जो सिर्फ रणनीतिक आवश्यकताओं के अनुरूप हो। हालांकि इसमें किसी नए इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का जिक्र नहीं किया गया है।

भारत के पास वर्तमान में मौजूद हैं कई घातक मिसाइलें

बता दें कि भारत की लगातार बढ़ती रक्षात्मक क्षमता में विकास हो रहा है। भारत अपने स्वदेश निर्मित हथियारों से दुनिया में अपना लोहा मनवा चुका है। भारत में निर्मित मिसाइल्स को भी दुनिया में बड़ी अहमियत दी जाती है। वर्तमान में भारत के पास स्वदेश में बनी हुई कई इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) हैं, जो एशिया और यूरोप के कई हिस्सों को निशाना बना सकती है।

भारत के पास वर्तमान में अग्नि-V सबसे एडवांस मिसाइल है, जिसकी रेंज करीब 5,500 से 6,000 किलोमीटर तक है। इस रेंज के कारण अग्नि-V पूरे एशिया और यूरोप के कई हिस्सों को निशाना बनाने की क्षमता रखता है। अग्नि-V परियोजना को भारत की रक्षा क्षमता को बढ़ाने और खासकर चीन के खिलाफ रणनीतिक तैयारियों को ध्यान में रखकर विकसित किया गया है।

Exit mobile version