इस्लामाबाद : पाकिस्तान की सत्ता पर सेना के प्रभाव के चलते वहां की राजनीति में कभी भी, कुछ भी हो सकता है। अब एक बार फिर कुछ ऐसी पटकथा लिखी जा रही है जो पाकिस्तान के पूर्व पीएम और पाकिस्तानी सेना के निशाने पर चल रहे इमरान खान के राजनीतिक करियर को पूरी तरह से खत्म कर सकती है। दरअसल हाल के समय में पीटीआई के कई बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। अब खबर आ रही है कि पीटीआई छोड़ने वाले नेता जल्द ही अपनी नई पार्टी का एलान कर सकते हैं।
जहांगीर खान तरीन हो सकते हैं पार्टी अध्यक्ष
एक समय इमरान खान के करीबी रहे जहांगीर खान तरीन, पीटीआई छोड़ने वाले नेताओं के समूह का नेतृत्व कर रहे हैं और माना जा रहा है कि नई पार्टी के एलान के बाद तरीन ही इसके नए अध्यक्ष बन सकते हैं। नई पार्टी का नाम इश्तेकाम-ए-पाकिस्तान पार्टी (आईपीपी) हो सकता है। बता दें कि जहांगीर तरीन भी उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने हाल ही में पीटीआई से इस्तीफा दिया है।
अक्तूबर में होने वाले चुनाव में होगी शामिल
पीटीआई के 100 से ज्यादा नेताओं और विधायक-सांसदों ने बुधवार को जहांगीर खान तरीन के साथ हाथ मिला लिया। अक्तूबर में पाकिस्तान में होने वाले आम चुनाव में नई पार्टी मैदान में अपने उम्मीदवार उतार सकती है। अगर ऐसा होता है तो यह इमरान खान के बिना वाली नई पीटीआई होगी, जिसकी कमान इमरान खान के बजाय जहांगीर खान तरीन के हाथ में होगी। ऐसी खबरें आ रही हैं कि जहांगीर खान तरीन को सेना का समर्थन हासिल है और संभव है कि आगामी चुनाव में यह पार्टी सत्ता में हिस्सेदारी भी हासिल कर ले।
इमरान खान के खिलाफ बोले नेता
पीटीआई की पूर्व नेता और अब आईपीपी का हिस्सा बन चुकीं वरिष्ठ राजनेता फिरदौस आशिक अवान ने कहा कि ‘इस सब के लिए इमरान खान जिम्मेदार हैं। इमरान खान के सेना विरोधी एजेंडे के चलते 9 मई की हिंसा हुई। इमरान ने राजनीतिक विरोधियों को निशाने पर लेने के बजाय सेना पर निशाना साधा और अब उसकी कीमत चुका रहे हैं। अधिकतर नेता जहांगीर खान तरीन के साथ आ चुके हैं और अब कोई भी इमरान खान के साथ नहीं रहना चाहता।’ अवान ने कहा कि पीटीआई अब बीती बात हो चुकी है।