इस्लामाबाद : पाकिस्तान में नौ मई की हिंसक घटनाओं के बाद सुरक्षाबलों व सेना के कसते शिकंजे से पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी में भगदड़ मच गई है। पार्टी छोड़ने वाले नेताओं की ताजा सूची में अब खैबर पख्तूनख्वा के पूर्व सीएम परवेज खट्टक, नेशनल असेंबली के पूर्व स्पीकर असद कैसर के साथ ही पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार का नाम भी शामिल हो गया है। करीबियों के लगातार इस्तीफे से इमरान अकेले पड़ते जा रहे हैं।
परवेज इलाही की फिर से गिरफ्तारी
इस बीच, गुरुवार को गिरफ्तार होने के बाद कोर्ट से जमानत मिलने पर रिहा होने वालेपीटीआई अध्यक्ष परवेज इलाही को दूसरे मामले में शुक्रवार को फिर गिरफ्तार कर लिया गया है। उस्मान बुजदार ने प्रेसवार्ता में कहा कि मैं साफ सुथरी राजनीति का पक्षधर रहा हूं, लेकिन वर्तमान परिस्थिति में राजनीति छोड़ने का निश्चय किया है।
पूर्व सीएम व देश के पूर्व रक्षा मंत्री परवेज खट्टक ने कहा कि नौ मई को जो कुछ भी घटित हुआ वह अच्छा नहीं था।
कोर्ट ने तीन मामलों में इमरान की जमानत 13 तक बढ़ाई
लाहौर स्थित आतंकवाद निरोधी अदालत ने इमरान खान को सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले समेत तीन मामलों में अंतरिम जमानत 13 जून तक बढ़ा दी है। कोर्ट में इमरान ने कहा कि उनका जीवन खतरे में पड़ गया है। इसके अलावा, वह लाहौर हाई कोर्ट में पीटीआई कार्यकर्ता के हत्या के मामले में पेश हुए। कोर्ट ने इस मामले में जमानत बढ़ाकर छह जून तक कर दी।
कराची में अगवा किए गए मानवाधिकार वकील घर लौटे
पाकिस्तान के कराची में अगवा किए गए मानवाधिकार वकील जिब्रान नासिर शुक्रवार को घर लौट आए। यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि जिब्रान नासिर के अपहरण के पीछे कौन था और नासिर को कहां रखा गया था। नासिर के अपहरण की निंदा करने के लिए कराची में प्रदर्शनकारियों ने रैली निकाली थी, जिसके बाद उनकी रिहाई हुई। नासिर की पत्नी मंशा पाशा ने कहा कि गुरुवार शाम खाना खाने के बाद दोनों पति पत्नी घर लौट रहे थे, तभी दो सफेद वैन में सवार हथियारबंद लोगों ने उनकी कार को रोक लिया था। वे नासिर को उठा ले गए।