पहलाज निहलानी ने सेंसर बोर्ड को किया बेनकाब, कहा- सीबीएफसी खुलेआम घूस खा रहा है, वर्ना ये हैरेस करते हैं

मुंबई : सेंसर बोर्ड इस वक्त रिश्वत के आरोप में उलझा है। दरअसल साउथ एक्टर विशाल ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन पर अपनी फिल्म पास कराने के लिए बोर्ड को 6.5 लाख रुपये घूस देने का आरोप लगाया। अब पूर्व सेंट्रस बोर्ड चेयरमैन पहलाज निहालनी ने एक्टर के इन आरोपों को सही बताया है और CBFC को बेनकाब किया है। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि ये सीबीएफसी यानी सेंसर बोर्ड खुलेआम ये काम कर रहा है।

CBFC के पूर्व चेयरमैन पहलाज निहलानी ने ANI से बातचीत में कुछ ऐसे सच उगले हैं जो इंडस्ट्री से लेकर हर किसी को हैरान कर सकते हैं। उन्होंने साफ-साफ शब्दों में कहा है, ‘जी हां, ये सही है…जो प्रड्यूसर ने खुद कहा है कि उन्होंने 6 लाख रुपये रिश्वत दिए हैं। उन्हें वो अकाउंट डीटेल भी दिया गया था जिसमें उन्हें पैसे देने थे, लेकिन मुझे लगता है कि ये पुराना प्रैक्टिस है।’

पहलाज निहलानी बोले- सीबीएफसी खुलेआम खा रही है

उन्होंने आगे कहा, ‘अब उन्होंने सीबीएफ को काफी अच्छी तरह से एक्सपोज़ कर दिया है। सुना था जब ये सरकार बनी थी तो कहा जा रहा था कि न खाऊंगा न खाने दूंगा, लेकिन सीबीएफसी खुलेआम खा रहा है। और ये लोग रिश्वत ले रहे हैं, बिना उसके ये लोग हैरेस करते हैं। क्योंकि चेयरमैन न तो ऑफिस आते हैं और न रोज का काम देखते हैं।’

फिल्म ‘मार्क एंटनी’ के हिंदी वर्जन को पास कराने के लिए घूस देने का आरोप

बता दें कि साउथ एक्टर विशाल ने बताया कि हाल ही में अपनी फिल्म ‘मार्क एंटनी’ के हिंदी वर्जन को पास करवाने के लिए करीब 6.5 लाख रुपये का रिश्वत दिया है। उन्होंने सीबीएफसी पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुंबई ऑफिस वालों ने उनके पास कोई चारा ही नहीं छोड़ा था।

एक्टर विशाल बोले- असल जिंदगी में ऐसा करना सही नहीं

विशाल ने अपना एक वीडियो शेयर कर अपना दुखड़ा सोशल मीडिया पर सारी दुनिया को सुना डाला । उन्होंने वीडियो में कहा था, ‘फिल्मों में घूसखोरी जैसा मुद्दा दिखाना ठीक है, मगर असल जिंदगी में ऐसा करना सही नहीं है। ये बातें हजम नहीं होती हैं और वो भी तब जब सरकारी ऑफिसर हों। CBFC मुंबई ऑफिस में ऐसा ही हो रहा है। आपको बता दूं कि मुझे भी मार्क एंटनी फिल्म के हिंदी वर्जन को पास कराने के लिए 6.5 लाख रुपये देने पड़े।’

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