नाबालिग बेटी की गवाही पर पिता के हत्यारों को मिली उम्रकैद की सजा, माँ और प्रेमी ने मिलकर की थी पिता की हत्या

रायपुर: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक नाबालिग बेटी की गवाही पर उसकी मां और प्रेमी को पिता की क्रूर हत्या के लिए दी गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है। यह घटना जंजगीर चांपा जिले के एक गांव की है। 27 मार्च 2023 की रात को पत्नी और उसके प्रेमी ने मिलकर पति की हत्या कर दी थी।

हत्या का कारण पति द्वारा दोनों को आपत्तिजनक स्थिति में देखना बताया गया है। बेटी जो उस समय आठ साल की थी ने अदालत में गवाही दी कि उसने अपनी मां को अपने पिता का गला घोंटते हुए देखा था। अदालत ने बच्चे की गवाही को महत्वपूर्ण मानते हुए दोषियों की अपील खारिज कर दी। अदालत ने कहा कि बच्चे की गवाही को सावधानीपूर्वक जांचना चाहिए और यदि यह विश्वसनीय और सत्य पाई जाती है, तो इसे केवल इसलिए नहीं नकारा जा सकता क्योंकि गवाह एक बच्चा है।

पत्नी और उसके प्रेमी का खेल

यह मामला पूरे राज्य में सनसनी बन गया था। अभियोजन पक्ष के अनुसार 28 वर्षीय मां का 23 वर्षीय युवक के साथ अवैध संबंध था। 27 मार्च 2023 की रात को पति ने दोनों को आपत्तिजनक हालत में देख लिया। इसके बाद हुए झगड़े में उन्होंने दुपट्टे से गला घोंटकर पति की हत्या कर दी। फिर उन्होंने उसके शव को सोन नदी में फेंक दिया और उसका मोबाइल फोन भी फेंक दिया।

झूठी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की

पत्नी ने पुलिस को झूठी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई, ताकि अधिकारियों को गुमराह किया जा सके। लेकिन तीन दिन बाद शव मिल गया। पुलिस जांच में प्रेमियों की गिरफ्तारी हुई। पुलिस द्वारा अपने अंदाज में पूछताछ करने पर मामला बाहर आया। इसके बाद दूसरे अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने उन्हें IPC की धारा 302/34 (हत्या), 201 (सबूत नष्ट करना), और 203 (पुलिस को गुमराह करना) के तहत दोषी ठहराया।

बच्ची ने रात में सब होते हुए देखा

इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब दंपति की छोटी बेटी ने अदालत को बताया कि वह रात में जाग गई थी और उसने हत्या देखी थी। उसने बताया कि कैसे उसकी मां ने दुपट्टे का इस्तेमाल करके उसके पिता का गला घोंटा, जबकि आदमी ने उसे पकड़ रखा था। शुरू में अपनी मां की धमकियों से चुप रहने वाली बच्ची ने मुकदमे के दौरान सच्चाई बताई। जब दोषियों की अपील हाई कोर्ट पहुंची, तो उसने भी बच्चे के बयान को संगत और विश्वसनीय पाया। खासकर चिकित्सा और भौतिक साक्ष्यों के आलोक में।

अदालत का फैसला

पोस्ट मार्टम रिपोर्ट में गला घोंटने से दम घुटने के कारण मौत की पुष्टि हुई, जिससे यह हत्या साबित हुई। जांचकर्ताओं ने अपराध में इस्तेमाल किया गया दुपट्टा, एक लोहे की छड़ और पीड़ित का मोबाइल फोन बरामद किया। यह सब आरोपियों के खुलासे के आधार पर हुआ। अदालत ने कहा कि पारिवारिक विश्वासघात और कानून प्रवर्तन को धोखा देने के जानबूझकर किए गए प्रयास में किसी भी तरह की नरमी की कोई गुंजाइश नहीं है। अदालत ने उनकी आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा।

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