रायपुर। ओडिशा राज्य में, बरगढ़ जिले के अंतर्गत 8 कि.मी. तक के इलाके में 11 दिनों तक महाराज कंस का शासन चलता है। इस दौरान सब कुछ वैसा ही होता है जैसा द्वापर युग के समय मथुरा में होता था। यहां महाराज कंस का दरबार लगता है तथा फरियादी, फरियाद लेकर आते है और महाराज कंस फरियाद सुनकर फैसला सुनते है। यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उसे सजा भी दिये जाते है। सुबह माँ समलेश्वरी में पूजा के पश्चात् 11 बजे कंस नगर की परिक्रमा करने निकलते है। 75 सालो से यहां ग्रामीणों द्वारा इस परंपरा को कायम रखा गया है।
ध्यान देने योग्य बात यह है की यहाँ 11 दिनों तक कंस की न्यायिक व्यवस्था और आज्ञा का पालन प्रशासन भी करते है। साथ ही यहाँ “धनु यात्रा” भी निकलती है। ओडिशा के पूर्व सीएम बीजू पटनायक पर भी कंस ने जुर्माना लगाया था। इस व्यवस्था को दुनिया का सबसे बड़ा “ओपन थिएटर” मानते हुए “गिनीज बुक रिकॉर्ड्स” में शामिल किया जा चुका है। 6 जनवरी को इस राज के 11 दिन पुरे होंगे तब कोई एक ग्रामीण भगवान “श्री कृष्ण” के रूप में कंस का वध करता है, साथ ही कंस का राज ख़त्म होता है। यहाँ कंस समेत अन्य 11 किरदारों का चयन ऑडिशन के द्वारा किया जाता है। इस साल 50 वर्ष के हषिकेश भाई कंस बने है।
कंस राज के अंतिम दिन कंस, राज्य में सुधार का आदेश देते है जिन्हे प्रशासन भी महत्व देता है।
बरगढ़ जिले के सांसद सुरेश पुजारी बताते है की भारत में यह एकमात्र ऐसा स्थान है, जहाँ प्रशासन भी कंस राज को छूट या मान्यता देती है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू , प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी इस बार शुभकामनाएं भेजी है।