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पाकिस्तान में 20 दिसंबर से होंगे नामांकन, इलेक्शन कमीशन ने जारी किया आम चुनाव का शेड्यूल

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इस्लामाबाद: पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) ने देश के अगले आम चुनाव के लिए शेड्यूल जारी कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ईसीपी ने नवंबर के शुरू में 8 फरवरी को वोटिंग का ऐलान किया था। करीब डेढ़ महीने बाद शुक्रवार को आयोग ने चुनाव कार्यक्रम जारी किया है। पाकिस्तान में आम चुनाव के लिए 20 दिसंबर से नामांकन शुरू हो जाएंगे। उम्मीदवार तीन दिन तक, 20 दिसंबर से 22 दिसंबर तक नामांकन दाखिल कर सकते हैं। इसके बाद 24 दिसंबर से 30 दिसंबर तक नामांकनों की जांच की जाएगी।

ईसीपी के मुताबिक, नामांकन पत्रों में कोई कमी पाते हुए निर्वाचन अधिकारी अगर पर्चा खारिज कर देता है तो उसके फैसले के खिलाफ तीन जनवरी तक अपील की जा सकेगी। उम्मीदवार की अर्जी पर अपीलीय न्यायाधिकरण 10 जनवरी तक फैसला लेगा। इसके बाद उम्मीदवारों की फाइनल लिस्ट 11 जनवरी को प्रकाशित कर दी जाएगी। इसके बाद 12 जनवरी को उम्मीदवार अपना नाम वापस ले सकेंगे। 13 जनवरी को राजनीतिक दलों को चुनाव निशान आवंटित किए जाएंगे और इसके बाद 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सिकंदर सुल्तान राजा ने कहा कि ईसीपी चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है।

कुल 336 सीटों पर होना है चुनाव

पाकिस्तान में नए परिसीमन के बाद नेशनल असेंबली (एनए) में कुल 336 सीटें होंगी। इनमें 266 सामान्य सीटें हैं। 60 सीटें महिलाओं के लिए और 10 गैर-मुसलमानों (धार्मिक अल्पसंख्यकों) के लिए आरक्षित हैं। पाकिस्तान में चुनाव सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हो रहे हैं। नेशनल असेंबली और प्रांतीय विधानसभा के विघटन के बाद 90 दिनों के भीतर चुनाव कराने की मांग करने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्शन कमीशन के सीनियर अफसरों को राष्ट्रपति से मिलकर चुनावों का ऐलान करने के लिए कहा था। जिसके बाद 2 नवंबर को 8 फरवरी की तारीख घोषित की गई थी।

बता दें कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने 9 अगस्त को नेशनल असेंबली भंग कर दी थी। इसके बाद से देश में आम चुनाव लंबित हैं। एसेंबली भंग होने के बाद पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने 6 नवंबर तक चुनाव कराने का प्रस्ताव रखा था। जिस पर कानून मंत्रालय ने कहा था कि चुनाव की तारीख की घोषणा करने की शक्तियां ईसीपी के पास हैं, ना कि राष्ट्रपति के पास। इसके बाद से लगातार पाकिस्तान में आम चुनाव टलते रहे और आखिरकार सुप्रीम कोर्ट की दखल के बाद अब इलेक्शन होने जा रहे हैं।

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