रायपुर। छत्तीसगढ़ में ब्रेवरेज कार्पोरेशन के माध्यम से शराब खरीदी की नई व्यवस्था जल्द ही अमल में आएगी। बताया गया है कि 30 प्रमुख शराब कंपनियों ने शराब सप्लाई के लिए अनुबंध की तैयारी कर ली है। इन कंपनियों के साथ एग्रीमेंट की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अनुबंधित कंपनियों से शराब की आपूर्ति शुरू हो जाएगी। आबकारी विभाग ने एक सितंबर से नई व्यवस्था के साथ शराब बिक्री शुरू करने का प्रयास किया था, लेकिन इसमें कुछ समय और लगने की संभावना है। एग्रीमेंट के बाद ही नया स्टॉक और ब्रांड यहां आएगा,लेकिन कीमत में किसी तरह की कमी नहीं की गई है।
लेकिन शराब की कमी नहीं है
नई व्यवस्था लागू होने में देर होने के कारण माना जा रहा था कि शराब की बिक्री प्रभावित हो सकती है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक ऐसी स्थिति नहीं है। वजह ये है कि सरकार के बेवरेज कार्पोरेशन के गोदामों में अभी शराब का स्टॉक प्र्याप्त मात्रा में है। खास बात ये है कि जिन कंपनियों ने शराब सप्लाई के लिए अनुबंध की तैयारी की है, उनमें से अधिकतर कंपनियों की शराब ब्रेवरेज कार्पोरेशन के पास मौजूद है, इसलिए ब्रांड की कमी भी नहीं होने वाली है। नई व्यवस्था के तहत शराब खरीदी के पहले बेवरेज कार्पोरेशन अपने गोदामों में रखे स्टॉक का वेरीफिकेशन करवा रहा है। इस काम में गोदाम के प्रभारी और संबंधित शराब कंपनियों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।
तय हो चुकी है ब्रांड के हिसाब से दरें
छत्तीसगढ़ में सरकारी शराब बिक्री में नई पारदर्शी व्यवस्था लागू करने के बाद अब एक सिंतबर से विदेशी शराब और बीयर की फुटकर बिक्री के लिए नई दरें लागू करने तैयारी थी। मूल्य सूची के जानकारों की मानें, तो शराब के मूल्य में कोई बदलाव नहीं किया गया है। आमतौर पर जो दरें पहले लागू थीं, वह भी लगभग उतनी ही हैं। नई दरें अगले साल 31 मार्च 2025 तक लागू रहेंगी। छत्तीसगढ़ सरकार के वाणिज्यक कर (आबकारी) विभाग द्वारा इस संबंध में प्रदेश के सभी कलेक्टरों के लिए आदेश में कहा गया है कि विदेशी मदिरा प्रिट-माल्ट की विक्रय दर का निर्धारण किया गया है। कलेक्टरों से कहा गया है कि 2024-25 के समस्त विदेशी मदिरा फुटकर लाइसेंसी को फुटकर विक्रय की दर की सूचना दें।
नई व्यवस्था सितंबर के पहले हफ्ते के बाद
आबकारी विभाग के जानकार सूत्रों की मानें, तो तैयारी ये की गई थी कि राज्य में 1 सितंबर से शराब बिक्री संबंधी नई व्यवस्था लागू कर दी जाएगी, लेकिन इस काम में अब देर लगने की संभावना नजर आ रही है। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार अब सितंबर के पहले हफ्ते के बाद से नई व्यवस्था लागू हो सकेगी। वजह ये है कि जिन शराब कंपनियों ने राज्य में शराब सप्लाई करने की प्रक्रिया में हिस्सा में लिया है और उनके रेट ऑफर भी मंजूर हो गए हैं। ऐसी कंपनियों का एग्रीमेंट अब तक नहीं हो सका है।