Site icon khabriram

रामकृष्ण केयर अस्पताल में जोड़ प्रत्यारोपण के क्षेत्र में नई विधि “मिनीमम कट तकनीक”(Min CT) ने लाई क्रांति

ANKUR SINGHAL

रायपुर : हाल ही में शहर के जाने-माने जोड़ प्रत्यारोपण विषेषज्ञ डॉ. अंकुर सिंघल जो कि रामकृष्ण केयर में जोड़ प्रत्यारोपण करते हैं ने इस नई विधि “मिनीमम कट तकनीक” द्वारा लगभग 5000 से भी ज्यादा सफल जोड़ प्रत्यारोपण किये हैं। है | डॉ. अंकुर सिंघल ने बताया कि मरीजों में उनके द्वारा इजात की हुई इस तकनीक से जोड़ प्रत्यारोपण के बाद मरीजों की रिकवरी फास्ट होती है। इस तकनीक से मरीज न सिर्फ केवल कुछ घंटें बाद चल सकता है बल्कि अपनी सामान्य जीवन में तेजी से वापस लौट सकता है।

  1. मिनीमम कट तकनीक (Min CT) क्‍या है ?

उत्तर -यह जोडों की सर्जरी करने की एक प्रक्रिया है जहां रोगियों की तेजी से रिकवरी के साथ दर्द रहित सर्जरी होती है। इस तकनीक में विकृत कार्टिलेज का केवल कुछ मिमी ही रिसरफेस किया जाता है। मांसपेशियों को नहीं काटा जाता है और न्यूनतम हड्डी काटी जाती है।

  1. इस तकनीक से सर्जरी के बाद मरीज कब चलता है?

उत्तर -सर्जरी के बाद रोगी को 3 घंटे में चलाया जाता है और घुटने को मोड़ने के लिए भी बताया जाता है।

3… दर्द कितना गंभीर होगा ?

उत्तर -सर्जरी के तुरंत बाद रोगी दर्द रहित और जोड़ों के दर्द से मुक्त होता है। टांकों और मांसपेशियों के दर्द को गहन दर्द प्रबंधन चिकित्सा द्वारा दूर किया जाता है।

4… किलने टांके होते हैं ?

उत्तर -यह त्वचा पर कम से कम निशान के साथ एक टांके रहित सर्जरी है।

  1. क्‍या इस प्रक्रिया में रक्त चढ़ाना आवश्यक है ?

उत्तर -इस सर्जरी में किसी रक्त चढ़ाने की आवश्यकता नहीं होती है और न ही किसी रक्त नलियों का उपयोग किया जाता है।

  1. इस प्रक्रिया में ठहरने की अवधि क्‍या होगी ?

उत्तर – इस तकनीक में मरीज को सिंगल जोड़ के लिए केवल 2 दिन और दोनों जोड़ सर्जरी के लिए 4 दिन रहना पड़ता है। इसलिए अस्पताल के माहौल में कम जोखिम और कम तनाव रहता है।

  1. सर्जरी की अवधि क्‍या है ?

उत्तर -इस तकनीक से सर्जरी करने में केवल एक घंटे का समय लगता है इसलिए न्यूनतम रक्त हानि के साथ रिकवरी तेजी से होती है।

क्‍या है यह मिनीमम कट तकनीक ?

  1. छोटे चीरे में सर्जरी

जहां पहले जोड़ प्रत्यारोपण में बड़ा चीरा लगता था एवं खून का स्त्राव ज्यादा होता था इस तकनीक की वजह से छोटे चीरे में सर्जरी होती है, चमड़ी पर कोई टांका नहीं लिया जाता एवं रक्त का स्त्राव भी कम होता है, जिसकी वजह से मरीज को खून नहीं चढ़ाया जाता।

  1. ऑपरेशन के कुछ घंटों बाद चलाना

पूर्व में जोड़ प्रत्यारेपण के बाद मरीज को ज्यादा से ज्यादा आराम करने को कहा जाता था। लेकिन अब इस तकनीक से सर्जरी के समय से लेकर रिकवरी का समय भी कम हो गया है। मरीज को ऑपरेशन वाले दिन ही कुछ घंटों में चलाया जाता है और ऑपरेषन के दूसरे दिन सीढ़ी चढ़ाई जाती है।

  1. कम समय में ऑपरेशन

जहां पूर्व में एक जोड़ प्रत्यारोपण में 3-4 घंटा लगता था। लेकिन अब इस तकनीक की वजह से ऑपरेशन एक घंटें में ही हो जाता है जिससे सर्जरी का रिस्क जैसे – हार्टअटैक, इंफेक्शन, डीवीटी का खतरा भी कम हो जाता है।

4… कम दवाओं का उपयोग

इस तकनीक से ना सिर्फ रिकवरी में तेजी होती है दर्द निवारक की दवाओं का भी कम उपयोग होता है।

  1. कम दिन हॉस्पिटल में रहना एवं मानसिक तनाव कम होना

फास्ट रिकवरी के परिणामस्वरूप मरीज को हॉस्पिटल में सिर्फ 3 दिन ही रूकना पड़ता जिससे इसका मानसिक तनाव कम रहता है और वह घर जाकर जल्‍दी ही सामान्य कार्य करने लगता है।

केयर हॉस्पिटल्स ग्रुप एक मल्टीस्पेशलिटी हेल्थकेयर प्रदाता है, जिसके 14 अस्पताल भारत के 5 राज्यों के 6 शहरों में संचालित किए जा रहे हैं। दक्षिण /मध्य भारत में तृतीयक देखभाल और शीर्ष 4 अखिल भारतीय अस्पताल श्रृंखलाओं में अपने क्षेत्र में अग्रणी केयर हॉस्पिटल टर्शिएरी केयर सेटिंग्स में 30 से अधिक स्पेशियलिटीज में व्यापक देखभाल प्रदान करते हैं।

Exit mobile version