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ऐसे ही कभी भी ना उतारें हाथ से कलावा, सही विधि और नियम का करें पालन

kalava

हिंदू धर्म और ज्योतिष शास्त्र में कलावा का बहुत बड़ा महत्व है। इसे कैसे बांधना है इसके बारे में विस्तार से लिखा गया है। लाल रंग के कलावे को हाथों में बांधा जाता है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि कलावा बांधने से हम सुरक्षित रहते हैं। हिंदू धर्म में पुजारी जी हर पूजा पाठ से पहले कलाई पर कलावा बांधते हैं। कलावा को रक्षासूत्र के नाम से भी जाना जाता है।

नए कलावे को बांधने से पहले पुराने कलावे को उतारा जाता है। पुराने कलावे को उतारने की भी परंपरा है। कलावे को कभी नहीं बदला जा सकता है, अगर आप ऐसा करते हैं तो ये अशुभ माना जाता है। ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी ने बताया है कि कलावा उतारने के समय किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

किस हाथ में कलावा बांधना होता है शुभ

कलावा बांधने के पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग नियम हैं। महिलाएं हमेशा कलावे को दांये हाथ में बंधवाएं, लेकिन अगर आप विवाहित है तो बाएं हाथ में कलावा बंधावाएं। पुरुषों को दाएं हाथ में ही कलावे को बंधवाना चाहिए। कलावा बंधवाते समय हाथ में अक्षत लें और मुट्ठी बांधे। कलावा को बांधते समय एक बात याद रखें कि इसको सिर्फ तीन बार ही लपेटें।

जानें कब खोलना चाहिए कलावा

कलावा बांधने के साथ-साथ उतारने के भी नियम हैं। आप कलावा किसी भी दिन ऐसे ही नहीं उतार सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि कलावा को मंगलवार या फिर शनिवार के दिन ही उतारना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो यह शुभ माना जाता है।

इस विधि से कलावा उतारें

कलावा उतारने के दौरान देव मंत्र का जाप कर सभी देवी-देवताओं से प्रार्थना कर क्षमा मांगे। उसके बाद उतरे हुए कलावा को पीपल के नीचे रख दें। फिर बहती हुई नदी में इसको प्रवाहित कर दें। ऐसा करने से आप को मोक्ष की प्राप्ति होगी और आपकी सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं।

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