नक्सली कमांडर देवा ने 300 साथियों के साथ किया था हमला, जवानों को एंबुश में फंसाने की थी तैयारी

सुकमा। मंगलवार दोपहर 12 बजे सुकमा जिले के टेकलगुड़ा गांव में नक्सलियों ने जवानों पर अचानक हमला बोल दिया। चौतरफा अत्याधुनिक हथियारों से गोलियां चलने लगीं, जंगल से नक्सली यूबीजीएल (अंडर बेरल ग्रेनेड लांचर) दाग रहे थे। बाहर ड्यूटी कर रहे जवानों ने मोर्चा संभाला। उन्होंने जवाबी कार्रवाई करनी शुरू कर दी, पर नक्सल कमांडर देवा अपने करीब 300 साथियों के साथ ताबड़तोड़ फायरिंग कर रहा था। आखिरकार जवानों ने एंटी माइन व्हीकल के जरिए फायरिंग करनी शुरू की। तब कहीं जाकर नक्सली बैकफुट पर आए। करीब चार घंटे तक चली मुठभेड़ में तीन जवान बलिदान हुए और 15 घायल हुए हैं। वहीं नक्सलियों को बड़ा नुकसान होने का दावा पुलिस कर रही है।

टेकलगुड़ा गांव से करीब एक किलोमीटर दूर नवीन कैंप स्थापित किया गया है। जहां मंगलवार सुबह कोबरा, एसटीएफ, सीआरपीएफ व डीआरजी के जवान पहुंचे। कैंप स्थापित करने की तैयारी कर रहे थे। कैंप को सुरक्षा देने के लिए आसपास एक से दो किलोमीटर के दायरे में जवान फैले हुए थे। वहीं टेकलगुड़ा गांव व कैंप के बीच अचानक नक्सलियों ने हमला बोल दिया। इस चार घंटे हुई मुठभेड़ में दोनों ओर से भारी मात्रा में बम दागे गए। अत्याधुनिक हथियारों से फायरिंग हुई। इसमें जवानों व नक्सलियों को नुकसान हुआ है। एसपी किरण चव्हाण ने बताया कि महज डेढ़ किलोमीटर एरिया में नक्सली घेरने की कोशिश कर रहे थे। जवानों ने सबसे खतरनाक नक्सली बटालियन को भगाने में कामयाबी हासिल की है।

महिलाओं की आड़ में बिछाई एंबुश

बताया जाता है कि जिस वक्त नक्सलियों ने हमला किया उस वक्त सबसे आगे महिलाएं थीं। तालाब के आसपास एंबुश लगाया गया था। स्पाइनर व अत्याधुनिक हथियारों से नक्सली हमला कर रहे थे। यूबीजीएल दाग रहे थे। करीब एक मीटर लंबा यूबीजीएल भी नक्सलियों ने दागा है। अधिकांश खेतों में जिंदा ग्रेनेड पड़े हैं जो नहीं फ़टे। अधिकांश जवान यूबीजीएल के छर्रे से घायल हुए हैं।

300 से ज्यादा नक्सली थे शामिल

टेकलगुड़ा इलाके में नक्सलियों की सबसे खतरनाक बटालियन नंबर एक काम करती है। पहले माड़वी हिड़मा जिस पर 50 लाख का इनाम घोषित है वो लीड करता था। सूत्र के अनुसार अब इसकी कमान देवा उर्फ साईनाथ के हाथ में आ गई है। बताया जाता है कि साईनाथ उर्फ देवा झीरम व अरनपुर घटना में शामिल रहा है। वहीं इस मुठभेड़ में 300 से ज्यादा नक्सली शामिल थे, इसमें महिलाएं भी शामिल रहीं।

जहां जवान जाने में डरते थे, वहां स्थापित हुआ कैंप

टेकलगुड़ा गांव जहां अप्रैल 2021 में जवानों पर नक्सलियों ने हमला बोला था। इसमें 22 जवान बलिदान हुए थे। एक जवान का अपहरण हुआ था। इस इलाके में जवान सर्चिंग करने के लिए बड़ी मशक्कत के साथ पहुंचते थे। यह इलाका पूर्वर्ती से महज पांच किमी दूर है। जहां हिड़मा का ठिकाना है। नक्सलियों के लिए सुरक्षित ठिकाना माने जाने वाले इलाके में न सिर्फ जवान पहुंचे हैं। बल्कि यहां कैंप स्थापित कर रहे हैं। ये सुरक्षा बल के लिए किसी बड़ी सफलता से कम नहीं है।

नक्सलियों के होने की थी सूचना

सूत्रों की माने तो जहां कैंप स्थापित किया जा रहा था। वहां आसपास नक्सलियों के होने की जानकारी पुलिस के पास थी। मंगलवार को भी नक्सली लीडर देवा अपने सथियों के साथ आसपास मौजूद है। इसकी सूचना पुलिस को मिल गई थी। जवानों को अलर्ट भी कर दिया गया था। इस तरह अचानक हमला कर देंगे ये किसी को पता नहीं था। दरअसल इस इलाके में नक्सली व पुलिस दोनों एक दूसरे पर नजर बनाए रखे होते हैं। ऐसे ही लगातार सूचनाएं जवानों को मिल रही थीं।

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