नवीन जिन्दल की मानवीय पहल: 20,000+ जिन्दल स्टील के कर्मचारी सीमावर्ती गांवों के पुनर्वास के लिए देंगे एक दिन का वेतन…

रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ऑपरेशन सिंदूर की ऐतिहासिक सफलता ने जहां भारत की सुरक्षा नीति को सशक्त किया है, वहीं जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में रह रहे हजारों नागरिकों के सामने मानवीय संकट खड़ा हो गया है। पाकिस्तान की ओर से की गई बर्बर गोलाबारी में कई निर्दोष नागरिकों की जान चली गई और कई गांव तबाह हो गए।

ऐसे संवेदनशील समय में, जिन्दल स्टील के चेयरमैन और कुरुक्षेत्र से लोकसभा सांसद नवीन जिन्दल ने पीड़ित परिवारों के पुनर्वास के लिए सहयोग की ऐलान कर एक सराहनीय पहल की है।

20,000 कर्मचारियों का वेतन जाएगा राहत कार्यों में
नवीन जिन्दल ने घोषणा की कि राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए जिन्दल स्टील समूह सहायता राशि प्रदान करेगा। इस सहयोग में समूह के 20,000 से अधिक कर्मचारियों द्वारा स्वेच्छा से एक दिन का वेतन दान करना भी शामिल है। यह कदम न सिर्फ व्यक्तिगत बल्कि एक सामूहिक राष्ट्रीय कर्तव्य के रूप में लिया गया है।

नवीन जिन्दल ने कहा, “सीमा पर रहने वाले हमारे नागरिक भी सैनिकों से कम नहीं हैं। उनका साहस, धैर्य और बलिदान प्रेरणादायक है। जब वे संकट में हैं, तो उनकी सहायता करना हम सबका नैतिक और राष्ट्रीय दायित्व है। मैं देशवासियों से भी इस पुनर्निर्माण अभियान में सहयोग की अपील करता हूं।”

ऑपरेशन सिंदूर के पीछे की पृष्ठभूमि
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में निर्दोष नागरिकों की नृशंस हत्या के बाद भारत सरकार ने सीमा पार आतंकी ठिकानों के खिलाफ निर्णायक ऑपरेशन सिंदूर चलाया। इस ऑपरेशन के जवाब में पाकिस्तान की ओर से भारी गोलाबारी की गई, जिससे कई भारतीय गांव प्रभावित हुए और सैकड़ों लोग विस्थापित हो गए।

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