छत्तीसगढ़ में कुदरत का कहर, 12 जिलों में ऑरेंज अलर्ट, अगले 3 दिनों तक ऐसा ही रहेगा मौसम

CG Weather Update: छत्तीसगढ़ में मौसम ने अचानक करवट ले ली है. जहां अप्रैल के आखिरी हफ्ते तक लोग तेज गर्मी से परेशान थे, वहीं मई की शुरुआत में ही तेज आंधी, बारिश और ओलावृष्टि ने लोगों की दिनचर्या बिगाड़ी, साथ ही फसलों, बिजली आपूर्ति और यातायात पर भी भारी असर डाला है. राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में गुरुवार को तेज आंधी तूफान चला, जिससे बिजली के खंभे उखड़ गए, पेड़ गिर गए और कई जगहों पर मकानों को नुकसान हुआ. मौसम विभाग ने अगले 3 दिनों तक ऐसे ही मौसम रहने की बात कही है.आइये जानते हैं कैसा रहेगा छत्तीसगढ़ में मौसम का हाल.

12 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी

मौसम विभाग ने छत्तीसगढ़ के 12 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इसका मतलब है कि आने वाले 3 दिनों तक गरज-चमक के साथ बारिश और तेज हवाएं चल सकती हैं, लोगों को सावधान रहने की सलाह दी गई है, खासकर खुले में पेड़ों के नीचे न रुकने, बिजली के खंभों से दूर रहने और अनावश्यक यात्रा नहीं करने की चेतावनी दी है

मौसम विभाग के मुताबिक रायपुर में जो आंधी आई, उसकी रफ्तार करीब 70 से 74 किलोमीटर प्रति घंटा रही. इतनी तेज आंधी दस साल बाद देखने को मिली है. गुरुवार की दोपहर जहां तेज धूप थी, वहीं करीब 3 बजे के बाद मौसम अचानक बदल गया. लगभग 4 बजे शहर में अंधेरा छा गया और इसके बाद तेज हवाओं के साथ बारिश शुरू हो गई. कई जगहों पर बिजली गुल हो गई, ट्रैफिक बाधित हुआ और जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया.

बिजली जाने से लोग परेशान

रायपुर में तेज आंधी-तूफान के चलते बिजली व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई. शाम 4 बजे से ही बिजली चली गई थी और कई इलाकों में सुबह 5 बजे तक बिजली नहीं आई. बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे गर्मी और मच्छरों के बीच पूरी रात परेशान होते रहे. सोशल मीडिया पर लोगों ने बिजली विभाग की लापरवाही को लेकर नाराजगी भी जताई.

क्यों बदला मौसम?

मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस अचानक आए बदलाव के पीछे दो बड़े कारण हैं

ट्रफ लाइन का असर

दक्षिण-पूर्व राजस्थान से लेकर उत्तर केरल तक एक ट्रफ लाइन बनी हुई है. ट्रफ लाइन एक तरह का कम दबाव वाला क्षेत्र होता है, जहां गर्म और ठंडी हवाएं मिलती हैं. इससे वातावरण में अस्थिरता आती है और गरज-चमक के साथ बारिश होती है.

वेस्टर्न डिस्टर्बेंस और बंगाल की खाड़ी से नमी

पश्चिम से आ रहा वेस्टर्न डिस्टर्बेंस, और बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी मिलकर गर्मी के मौसम में भी बारिश और ओलावृष्टि करा दी. इसी वजह से छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में गर्मी के सीजन में भी बादल, बिजली और ओले देखने को मिल रहे हैं.

बारिश के साथ ओले भी गिरे

राजधानी ही नहीं, बल्कि बिलासपुर, सरगुजा, अंबिकापुर और गौरेला-पेंड्रा मरवाही जैसे जिलों में भी बारिश और ओलावृष्टि हुई है. ओलावृष्टि से सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हुआ है. कई किसानों का कहना है कि तेज हवा और ओलों के कारण उनकी तैयार फसल बर्बाद हो गई,

इस तूफान और बारिश के कारण प्रदेश में तापमान में अच्छी खासी गिरावट देखने को मिली है, रायपुर में अधिकतम तापमान 38.4 डिग्री रहा, जो सामान्य से 3 डिग्री कम था.न्यूनतम तापमान 24.7 डिग्री, जो औसत से 2.8 डिग्री कम रहा, बिलासपुर में अधिकतम तापमान 38 डिग्री, सामान्य से 5 डिग्री कम रहा, न्यूनतम 22.5 डिग्री जो औसत से 3.6 डिग्री कम था. गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में अधिकतम तापमान 35 डिग्री, न्यूनतम 19.6 डिग्री रहा, तापमान में इस गिरावट से लोगों को तेज गर्मी से कुछ राहत जरूर मिली है, लेकिन तेज हवा और बिजली की किल्लत ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है.

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