रायपुर : चुनाव के परिणाम आने से पहले कांग्रेस और भाजपा में जुबानी जंग छिड़ गई है। सीएम भूपेश बघेल ने राज्यपालों के विधेयक रोकने को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी मामले में कहा था कि, राज्यपाल को इसका संज्ञान लेना चाहिए और विधेयक को लेकर जो भी करना चाहते हैं, करना चाहिए…इसी पर पलटवार करते हुए सांसद सुनील सोनी ने कहा कि, मुख्यमंत्री नहीं चाहते थे की आदिवासी अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग को न्याय मिल सके, इस मसले पर राज्यपाल से कभी चर्चा नहीं की और बहुमत के आधार पर बिल पास कर दिया गया।
राज्यपाल और राजभवन पर उंगली उठाई
सांसद सुनील सोनी ने कहा कि, छत्तीसगढ़ के साथ पूरे देश में देखा गया है कि, आदिवासी बहन जो राज्यपाल थी, उसकी जिस प्रकार से बेज्जती और बयानबाजी की गई, इतना ही नहीं पद का सम्मान भी नहीं किया, राज्यपाल मुख्यमंत्री को शपथ दिलाने वाले होते हैं। राज्यपाल के उस पद का भी सम्मान नहीं किया है। राज्यपाल और राजभवन पर उंगली उठाई, इसको अपमान और अपराध मानता हूं। संवैधानिक पद में बैठे हुए व्यक्ति संवैधानिक पद पर उंगली उठाते हैं।
कोर्ट के निर्देश का पालन करें
सुनील सोनी ने पंजाब में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को लेकर कहा कहा कि, कोर्ट का आदेश है तो उसका पालन करते हैं। उसके अंदर किंतु परंतु नहीं किया जाता, अगर कोर्ट कोई निर्देश देता है तो महामहिम राज्यपाल उसे पर विचार करेंगे। इसके लिए वह स्वतंत्र हैं, वहीं उसके ऊपर निर्णय लेंगे|
घोषणाओं से राज्य का कर्ज बढ़ता है
सुनील सोनी ने चुनावी घोषणाओ को लेकर कहा कि, ऐसा करने से राज्य का कर्ज बढ़ जाता है। छत्तीसगढ़ को एक निजी आमदनी का जरिया बनाया है। आर्थिक तरीके से विकास होना चाहिए, लेकिन उन्होंने केवल दिल्ली को खुश करने के लिए अपने 5 साल खत्म किया है। अगर अर्थनीति ठीक होगी तो सरकार लोगों के जीवन में परिवर्तन ला सकते हैं। अच्छी योजनाओं का लाभ भी दिला सकता है।
भूपेश बघेल पागलपन के शिकार हो गए
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के महापुरुष और युगपुरूष वाले बयान को लेकर सुनील सोनी ने कहा कि, भूपेश बघेल ‘पागलपन के शिकार हो गए हैं और मानसिक रोग से ग्रसित हैं। पद की गरिमा होती है, सारी गरिमा को लांघ कर भूपेश बघेल की सोच और सोच के आधार पर शब्द निकलते हैं…यह निंदनीय है|
निष्पक्षता के साथ काम करें
मतगणना को लेकर सुनील सोनी ने कहा कि, हमने अधिकारियों को हमेशा से कहा है कि, चुनाव निष्पक्ष होता है। निष्पक्षता के साथ भूमिका निभाएं, सरकार आती-जाती रहती है। जनता के ऊपर छोड़ देना चाहिए कि, वह किसकी सरकार बनाएगी|