देश में बिना मान्यता लिए ये व्यापारी 27 देशों से कर आया करोड़ों का कारोबार, पर ओमान से आए एक कॉल ने बिगाड़ दिया खेल…

भोपाल। मध्यप्रदेश के भोपाल (Bhopal) और सीहोर (Sehore) जिले में बुधवार को मध्य प्रदेश के राज्य आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने एक बड़ी छापे की कार्रवाई को अंजाम दिया. यह छापे की कार्रवाई जय श्री गायत्री फूड्स एंड डेयरी प्रॉडक्ट्स (Jai Shree Gayatri Foods and Dairy Products) के ठिकानों पर की गई. Jai Shree Gayatri Foods:

जय श्री गायत्री फूड्स पर आरोप है कि उसने जाली दस्तावेज तैयार कर विदेशों में करोड़ों का न सिर्फ कारोबार किया, बल्कि अपना साम्राज्य भी खड़ा कर दिया. ये कंपनी 27 देशों में फर्जी तरीके से अपने उत्पाद बेच रही थी. इसी आरोप में कार्रवाई प्रदेश के 12 ठिकानों पर की गई. इसमें कंपनी के व्यावसायिक और आवासीय ठिकाने भी शामिल हैं.

इसी सप्ताह हुई एफआईआर
जय श्री गायत्री फूड्स एंड डेयरी प्रोडक्ट के मालिक किशन मोदी है. इसके अलावा पारुल मोदी और राजेंद्र मोदी अमित कुकरेजा कंपनी के महत्वपूर्ण ओहदे पर है. इस पूरे मामले में ठोस जानकारी शिकायत भगवान सिंह राजपूत से मिलने के बाद ईओडब्ल्यू ने कंपनी के अधिकारियों पर 24 जुलाई को मामला दर्ज किया. शुरुआती पूछताछ में आरोपियों ने ऐसी किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया था, लेकिन जैसे ही ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने दस्तावेजों की वेरिफिकेशन रिपोर्ट हासिल की, उसमें सारी चोरी पकड़ी गई.उसके बाद अधिकारियों ने छापे की कार्रवाई को अंजाम दिया.

जॉर्डन ने की पीएमओ में शिकायत
अमानक स्तर की फर्जी सर्टिफिकेशन पर आधारित खाद्य सामग्री को लेकर जॉर्डन की सरकार ने प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत की थी. इस शिकायत पर संज्ञान लिया गया. इसके बाद राज्य में हर तीन महीने में होने वाली केंद्र और राज्य की तमाम जांच एजेंसियों की रीजनल कॉन्फ्रेंस में इस कंपनी के फर्जीवाड़े पर चर्चा हुई, जिसके बाद जांच का जिम्मा ईओडब्ल्यू को सौंपा गया. ईओडब्ल्यू ने जब खाद्य सामग्री के एक्सपोर्टेशन से जुड़े हुए दस्तावेजों की पड़ताल की, तो सभी फर्जी निकले. इसके बाद यह कार्रवाई की गई. यही नहीं इस कंपनी को लेकर देश की सबसे बड़ी फूड चैन डोमिनोज ने भी अमानक खाद्य सामग्री सप्लाई करने का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी.

विवादों से है पुराना नाता
बता दें कि इस कंपनी का विवादों से पुराना नाता रहा है. हाल की छापे की कार्रवाई के पहले भी कंपनी कई मामलों को लेकर विवादों में रही है. एक जून 2022 को आयकर विभाग ने भी कंपनी के खिलाफ छापामार कार्रवाई को अंजाम दिया था. पिपलिया मीरा स्थित पनीर फैक्ट्री को प्रशासन ने 16 जुलाई को बंद किया था. जिला प्रशासन ने कार्रवाई पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के निर्देश पर की थी. इसके बाद कंपनी के प्रोडक्ट बंद हो गए थे. वहीं, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड कंपनी पर एक करोड़ 20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगा चुका है. यही नहीं, बिजली विभाग ने कंपनी का कनेक्शन भी काट दिया था. मार्च 2023 में खाद्य विभाग ने पनीर में पाम ऑयल की मिलावट की शिकायत पर छापा मारा था. करवाई के दौरान कोलकाता से आया पाम आयल से भरा टैंकर भी जब्त किया गया.

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