MP News : जैन मुनि सागर के बयान का संतों ने किया समर्थन, बोले- ‘हम दो हमारे दो’ से घट रही हिंदू आबादी

इंदौर : मध्यप्रदेश के इंदौर में आयोजित एक कार्यक्रम में जैन मुनि विनम्र सागर महाराज ने यह बड़ा बयान दिया कि इंदिरा गांधी ने ‘हम दो हमारे दो’ का नारा दिया था, जो कि हिंदू आबादी के घटने का सबसे बड़ा कारण है। इसी के साथ विनम्र सागर महाराज ने आगे कहा कि ‘हम दो हमारे दो’ वाली इंदिरा गांधी की बात को हिंदुओं ने अपना लिया, लेकिन बाकियों ने इसे स्वीकार नहीं किया। यही आज हिंदुओं की घटती आबादी का कारण है। साथ ही भारत में आदिवासियों के धर्मांतरण को लेकर भी उन्होंने कई तरह के सवाल खड़े किए हैं।

विनम्र सागर महाराज ने घटती हिंदू आबादी को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि भारत में आदिवासियों का धर्मांतरण हो रहा है। मुस्लिमों के 50 देश और ईसाईयों के 100, तुम भारत को अपना देश मानते हो। संतों की ओर से लगातार हिंदू समाज को संगठित करने के लिए अलग-अलग तरह से प्रयास किए जा रहे हैं।

जेहादी भारतीय नागरिक बनने की कोशिश कर रहे
उज्जैन के जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर शैलेशानंद महाराज ने जैन मुनि संत विनम्र सागर महाराज के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे देश की जनसंख्या का अनुपात बिगड़ने का खेल अंतरराष्ट्रीय एजेंडे के तहत चलता है। उन्होंने आरोप लगाया कि रोहिंग्याओं को आधार कार्ड बनवाकर भारतीय नागरिक बनाया जा रहा है और लाखों जेहादी भारतीय नागरिक बनने की कोशिश कर रहे हैं। आपने कहा कि हमें अपने देश की डेमोग्राफी को बचाने के लिए काम करना होगा। उन्होंने माताओं से आह्वान किया कि वे अपनी संतति की संख्या को नियंत्रित करें और अपने बच्चों के स्वास्थ्य और आचरण का ध्यान रखें। उन्होंने यह भी कहा कि संतति उत्पत्ति पर अंकुश लगाने के लिए कानून बनाना होगा। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि वह एक जनसंख्या नीति बनाए जो भारत की आर्थिक स्थिति, खाद्य उत्पादन और अन्य कारकों को ध्यान में रखें।

सार्वभौमिक रूप से स्वीकार नहीं हुआ नारा
स्वस्तिक पीठ के पीठाधीश्वर डॉ. अवधेशपुरी महाराज ने जैन संत विनम्र सागर महाराज के बयान का समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि हम दो हमारे दो का नारा इंदिरा गांधी ने दिया था। उन्होंने कहा कि यह नारा परिवार नियोजन के लिए इस्तेमाल किया गया था, लेकिन इसका परिणाम जनसंख्या का असंतुलन हुआ। उन्होंने कहा कि यह नारा सार्वभौमिक रूप से स्वीकार नहीं किया गया था, जिसके कारण हिंदुओं की संख्या कम हुई। उन्होंने यह भी कहा कि देश के संसाधनों की कमी और कट्टरता का सामना हिंदू समुदाय को करना पड़ रहा है। डॉ. अवधेश पुरी महाराज ने कहा कि अगर यह नारा सार्वभौमिक रूप से लागू होता, तो इसके परिणाम अच्छे होते, लेकिन अब देश में एक देश एक कानून की आवश्यकता है और अगर कोई नारा सभी पर समान रूप से लागू होता है, तो हम उसका स्वागत करते हैं।

बयानों के कारण सुर्खियों में बने रहते हैं विनम्र सागर महाराज
जैन संत विनम्र सागर महाराज हमेशा अपने बयानों के चलते सुर्खियों में बने रहते हैं। विनम्र सागर महाराज ने जिस तरह से बयान दिया है। उसके बाद आने वाले दिनों में कई संत और महात्मा इस तरह के बयान जारी कर सकते हैं। विनम्र सागर महाराज इसके पहले भी इसी तरह के कई बयान दे चुके हैं, लेकिन जिस तरह से उन्होंने जिस तरह से इंदिरा गांधी का नाम लेकर बयान दिया है वो अब राजनीतिक सवाल भी खड़े कर सकता है। कांग्रेस भी इस पूरे मामले को लेकर सड़कों पर आ सकती है।

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