इंदौर। इंदौर में गोली लगने से कान्ट्रेक्टर के सुपरवाइजर की मौत के मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस बीएसएफ से रायफल और बुलेट (कारतूस) का खोल लेना चाहती है। उधर पुलिस सुपरवाइजर बलराम राठौर के स्वजन से भी बात कर रही है।
बसांदरा (हातोद) निवासी 45 वर्षीय बलराम मानसिंह राठौर (कलोता) की मंगलवार सुबह ग्राम बरदरी (बाणगंगा) में गोली लगने से मौत हो गई थी। बलराम कान्ट्रेक्टर संजय गोयल (गोयल कंस्ट्रक्शन) के अधीन काम करता था।
गोली दाएं हाथ को चीरकर लिवर में जा धंसी
गोली दाएं हाथ को चीरते हुए शरीर में घुसी और लिवर में जा धंसी। डीसीपी जोन-3 डॉ. हंसराजसिंह के मुताबिक अभी तक की जांच में स्पष्ट हुआ कि गोली बीएसएफ की फायरिंग रेंज (रेवती) से आई है। फोरेंसिक एक्सपर्ट और डॉक्टर ने बताया कि बलराम के शरीर से मिली बुलेट 7.62 एमएम की है।
घटना के वक्त रेंज में स्नाइपर रायफल से शूटिंग ट्रेनिंग चल रही थी। पुलिस ने अभी केस में विवेचना शुरू की है। बलराम के स्वजन से भी विस्तृत चर्चा की जाएगी। विवेचना में बीएसएफ अफसरों को पत्र लिखकर शूटिंग में शामिल सैनिक व अफसरों की जानकारी, रायफल और खाली खोल का रिकॉर्ड मांगा जाएगा।
40 मजदूर कर रहे थे काम
सुपरवाइजर बलराम राठौर जहां मौजूद थे उनके आस-पास करीब 40 मजदूर काम कर रहे थे। मजदूरों को इस दौरान गोली चलने की आवाज और कोई गोली मारकर भागते हुए भी नहीं दिखा। इससे पुलिस इस नतीजे पर पहुंची थी कि गोली बीएसएफ की फायरिंग रेंज से ही चली होगी। क्योंकि उस दौरान करीब बीएसएफ के जवान निशाना लगाने की प्रेक्टिस कर रहे थे।