ग्वालियर : मध्यप्रदेश के ग्वालियर में साइबर ठगी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। क्राइम ब्रांच के अफसर बनकर जालसाजों ने बीएसऍफ़ के इंस्पेक्टर को 32 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। बदमाशों ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने का झांसा देकर इंस्पेक्टर से 71.25 लाख रुपए ठग लिए। धोखाधड़ी का पता चलते ही बीएसऍफ़ जवान ने ग्वालियर एसपी से मिलकर आपबीती सुनाई। पुलिस ने सोमवार (6 जनवरी) को मामला दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
जानिए पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, फतेहपुर (UP) निवासी अबसार अहमद के मोबाइल पर 2 दिसंबर को वॉट्सऐप कॉल आया। फोन करने वाले ने खुद को मुंबई साइबर और क्राइम ब्रांच का अफसर बताया। जालसाज ने कहा कि आपके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी वारंट है। आपके इस नंबर पर कई केस चल रहे हैं। कई जगह आपके मोबाइल का गलत उपयोग हुआ है।
‘पूरे परिवार को अरेस्ट का आदेश‘
मुंबई क्राइम ब्रांच अफसर बनकर बोल रहे ठग ने यह भी कहा कि आपके साथ ही पूरे परिवार को अरेस्ट करने के कोर्ट के आदेश हैं। बीएसऍफ़ इंस्पेक्टर अहमद ने कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया है। ठग ने तुरंत कहा कि आपका फोन टेप हो रहा है। अगर किसी को इस बारे में बताया तो आपके बच्चों ओर परिवार के लोगों को अरेस्ट कर लिया जाएगा।
सबसे पहले मांगे 15 लाख
बीएसऍफ़ इंस्पेक्टर ग्वालियर में अकेले रहते हैं। ठगों की बातें सुनकर इसलिए डर गए। फोन करने वालों की बात मानते चले गए। ठग कहा कि आपके एक-एक पैसे की जांच होगी। यदि आप गलत नहीं हो तो केस क्लोज होते ही पूरा पैसा वापस मिल जाएगा। ठग ने सबसे पहले 15 लाख रुपए की मांग की। डरे-सहमे BSF इंस्पेक्टर ठगों की बातों में फंसते चले गए।
34 ट्रांजैक्शन में 71.25 लाख किए ट्रांसफर
बदमाशों ने इंस्पेक्टर को 2 दिसंबर 2024 की सुबह 11.29 बजे से 2 जनवरी 2025 की सुबह 10 बजे तक डिजिटल अरेस्ट रहा। 32 दिन में ठगों ने 34 ट्रांजैक्शन में 71.25 लाख रुपए खातों में ट्रांसफर कर दिए। 2 जनवरी को BSF इंस्पेक्टर को उनके साथ हो रही धोखाधड़ी का पता चला। इंस्पेक्टर ने तत्काल हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत। इसके बाद पुलिस को अपनी पीड़ा बताई। पुलिस ने सोमवार रात को मामला दर्ज कर लिया है।