बिना अनुमति चैन माउंटेन से मुरम का खनन, खनन की तय सीमा भी संदेहास्पद, खनिज विभाग ने कही जांच की बात

बालोद : जिले के कपरमेटा बांध डूबान क्षेत्र में इन दिनों लीज के नाम पर बेतहाशा मुरम का खनन किया जा रहा है परिवहन की जितनी अनुमति है उससे ज्यादा का परिवहन किया जा चुका है वहीं पूरे मामले में खनिज विभाग के जिला अधिकारी मीनाक्षी साहू ने बताया कि गोपाल राठी के नाम से लीज जारी किया गया है और 2 हजार घन मीटर खुदाई की अनुमति दी गई है परंतु यहां पर रोजाना सैंकड़ों गाड़ियां वहां से निकल है 12 व्हीकल हाइवा भी काम में लगाए गए हैं।

खनिज विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गोपाल राठी के नाम से 2000 घन मीटर की अनुमति मर्म खनन के लिए दी गई है क्योंकि वह क्षेत्र जुबान क्षेत्र में आता है और बंद है इसलिए यह अनुमति भी शक के दायरे में हैं हालांकि जिला अधिकारी मीनाक्षी साहू ने कहा कि 2000 घन मीटर की अनुमति है वह किसी से भी परिवहन कर सकता है और उन्होंने कहा कि अगर उससे अधिक खुदाई की बात सामने आ रही है तो हम खनिज निरीक्षक को भेज कर वहां मामले की ही जांच करवाएंगे।

बगैर अनुमति चैन माउंटेन

वहां पर मुरम के खनन के लिए चैन माउंटेन की अनुमति नहीं है बावजूद इसके ठेकेदार द्वारा बाकायदा चैन माउंटेन लगाकर वहां से मुरम का खनन किया जा रहा है इस बारे में खनिज अधिकारी मीनाक्षी साहू ने चैन माउंटेन से खुदाई के विषय में अनुमति से इनकार किया है उन्होंने कहा कि यदि चैन माउंटेन से खुदाई की जा रही है तो फिर इस मामले में कार्रवाई की जाएगी आपको बता दें कि कुछ दिनों से वहां पर चैन माउंटेन से मुर्मू का खनन किया जा रहा है तथा 12 व्हीकल वाले हाईवे भी काम में लगाए गए हैं।

जांच के बाद मामला आएगा सामने

जिला खनिज अधिकारी ने मामले में जांच करने की बात कही है और चैन माउंटेन के अनुमति से मना किया उन्होंने कहा कि खनिज निरीक्षक को भेज कर वहां पर जांच पड़ताल किया जाएगा आपको बता दें कि वह एक बांध है जहां पर पानी रहने से आसपास के क्षेत्र में भूमिगत जल स्त्रोत बना रहता है वहां पर अब खनिज विभाग ने परिवहन की अनुमति दी है।

अन्य जगहों पर भी यही हाल

अक्सर खनिज विभाग द्वारा लीज या फिर खनन की अनुमति तो दी जाती है इसके बाद मॉनिटरिंग के अभाव में यहां पर बेतहाशा खनन कर दिया जाता है कुछ ही जगह की अनुमति लेकर आसपास के पूरे क्षेत्र को खोद दिया जाता है इस तरह के कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं यह मामला भी कुछ इसी तरह का है।

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