मीटर रीडरों ने की अनिश्चित कालीन हड़ताल, राज्य के हजारों मीटर रीडर के सिर पर बेरोजगार होने का मंडरा रहा खतरा

छत्‍तीसगढ़ की सरकारी पावर कंपनी के मीटर रीडर की समस्या विद्युत वितरण कंपनी लगातार नजरअंदाज कर रहा है.

दुर्ग. छत्‍तीसगढ़ की सरकारी पावर कंपनी के मीटर रीडर की समस्या विद्युत वितरण कंपनी लगातार नजरअंदाज कर रहा है. स्मार्ट मीटर लगने के बाद इन सभी मीटर रीडरों के सिर में बेरोजगार होने का खतरा मंडरा रहा है, यही कारण है कि स्‍पाट बिलिंग एवं मीटर रीडिंग श्रमिक 5 दिनों की हड़ताल पर बैठे थे, जो बेनतीजा निकली. अब इसके बाद अब सभी रीडर अनिश्चितकाली हड़ताल पर चले गए हैं. राज्य भर के सभी जिलों में रीडर ने हड़ताल कर दी है. विद्युत वितरण कंपनी में सालों से लोग मीटर रीडिंग का काम कर रहे है , जिससे लोगों का घर का खर्च चलता है लेकिन अब स्मार्ट मीटर लगने के बाद इन रीडरों की आवश्यकता नहीं रह जाएगी. यही कारण है कि बेरोजगारी के भय से सभी रीडर अपने लिए कंपनी में कोई अन्य काम की मांग कर रहे है, लेकिन अभी तक कंपनी से कोई भी आश्वाशन नहीं मिला है. इस संबंध में आज उन्‍होंने कंपनी के अध्‍यक्ष को इस संबंध में नोटिस दे दी है. अन‍िश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से पहले स्‍पाट बिलिंग एवं मीटर रीडिंग श्रमिक ठेका कर्मचारी संघ ने अपनी मांगों को लेकर 5 दिन की हड़ताल किया था. इस दौरान कंपनी प्रबंधन की तरफ से उनकी मांगों पर कोई ध्‍यान नहीं दिया गया. इसके पहले भी संघ द्वारा कई बार इस विषय को लेकर चर्चा की गई है लेकिन कंपनी को इतने लोगों के बेरोजगार होने की जरा भी चिंता नहीं है. इससे नाराज महासंघ ने 6 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है. इस अनिश्चित हड़ताल होने से नवंबर महीने में रीडिंग का काम नहीं होगा, जिससे उपभोक्ताओं को इस महीने का बिजली बिल नहीं मिलेगा.

Strike: आज सौंपा गया है ज्ञापन

आपको बता दें कि पूरे राज्य की राजधानी के अलावा बिलासपुर, दुर्ग, राजनांदगांव, बलौदा बाजार, समेत सभी जिलों के एक साथ रीडर हड़ताल पर बैठे हैं. इस संबंध में दुर्ग जिले के धमधा में भी मीटर रीडरों ने अपनी मांग रखते हुए ज्ञापन सौंपा है और अनिश्चित कालीन धरने पर बैठे हैं

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