भारत में हस्तरेखा ज्योतिष का हजारों साल पुराना इतिहास है और इस विषय पर लंबा शोध व साहित्य भी लिखा गया है। ऐसे में किस व्यक्ति का कौन का हाथ देखा जाना चाहिए, इस बारे में भी हस्तरेखा ज्योतिष में विस्तार से बताया गया है। हालांकि इस विषय को लेकर काफी विवाद भी है।
क्या कहता है पुरुषों का दायां हाथ
कुछ विद्वानों का मत है कि पुरुष के दाएं हाथ के जरिए व्यक्तित्व, चरित्र, स्वभाव
एवं भूत, भविष्य व वर्तमान का जानकारी प्राप्त होती है। वहीं बाएं हाथ के जरिए संबंधित व्यक्ति की पत्नी के व्यक्तित्व, स्वभाव व चरित्र आदि की जानकारी हासिल होती है।
महिलाओं का बायां हाथ क्यों
हस्त रेखा ज्योतिष के अनुसार स्त्रियों का बायां हाथ उनके व्यक्तित्व व स्वभाव का प्रतिनिधित्व करता है तथा दायां हाथ उनके पति के गुण, स्वभाव व व्यक्तित्व आदि की जानकारी देता है।
पुरुषों का बायां हाथ देता है पूर्वजन्म की जानकारी
हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार पुरुष का बायां हाथ पूर्वजन्म की जानकारी देता है तथा दायां हाथ वर्तमान जन्म की जानकारी देता है। इसी तरह से स्त्रियों का बायां हाथ वर्तमान और दायां हाथ पूर्वजन्म से संबंधित होता है। कुछ विद्वानों के अनुसार पुरुष एवं स्त्री दोनों का ही बायां हाथ पूर्वजन्म के कर्म-फलों का प्रतीक होता है।
विद्वानों में मतभेद भी
हस्तरेखा के जानकारों में लिंग-भेद को लेकर गहरा मतभेद भी है। इस संबंध में किसका कौन-सा हाथ देखा जाए। इसके निर्णय के लिए निम्नलिखित नियम भी बनाए गए हैं –
वयस्क पुरुषों का दायां हाथ देखना चाहिए।
स्वावलम्बी महिलाओं का भी दायां हाथ देखना चाहिए।
वर्ष से कम आयु के बालक/बालिकाओं के दोनों हाथ देखने चाहिए या ज्यादा विकसित हाथ को प्राथमिकता के साथ देखना चाहिए।
वृद्ध लोगों के भी दोनों हाथ देखने चाहिए। पराधीन पुरुषों के बाएं हाथ को प्रधानता देना चाहिए।
क्रूर, स्वावलम्बी, बहादुर, अति आत्मसम्मान वाली महिलाओं का दाहिना हाथ देखा जाना चाहिए।
जिस व्यक्ति का जो हाथ अधिक सक्रिय हो, उसे ही देखना चाहिए।