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सरकारी उपेक्षा की भेंट चढ़ी औषधि वाटिका : करोड़ों की लागत से बना बगीचा उजड़ा, बजट के आभाव में रुका है मरम्मत

जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में लाखों रूपये खर्च करके बनाई गई औषधि वाटिका अब खंडहर में तब्दील हो गई है। अफसरों की लापरवाही के कारण खूबसूरत वाटिका में फूलों की जगह अब कांटे उग आए है। तीन साल पहले बने वाटिका देखभाल के आभाव के कारण जर्जर स्थिति में है। वहीं देखभाल करने के लिए शासन ने पिछले दो साल से बजट स्वीकृत नहीं किया है। इसलिए यहां ताला लगा हुआ है। इतना ही नहीं अब यह वाटिका शराबियों का अड्डा बन गया है।

दरअसल, कांसाबेल विकासखंड में जिला प्रशासन और वन विभाग ने कई एकड़ में औषधि वाटिका का निर्माण कर करोड़ों रुपये फूंक दिए। लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के चलते वाटिका का रख- रखाव नहीं होने से महज तीन- चार से साल में ही वाटिका उजड़ गया। वाटिका में लगे पौधे एक-एक कर सूखने लगे हैं। वाटिका की देखरेख करने के बजाय अधिकारियों ने वहां ताला लगा दिया है। जशपुर वन मंडल में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि, वाटिका की पीडी मद से निर्माण किया गया था।

खूबसूरत बगीचा अब खंडहर में तब्दील 

साल 2021 में शासन ने कई एकड़ जमीन में वन विभाग व शासन का मकसद था कि, खूबसूरत बगीचा तैयार किया जाए। जिससे क्षेत्र के आसपास के लोग यहां आकर घूम सकें। शासन ने वाटिका को खूबसूरत बनाने के लिए करोड़ों रुपये की स्वीकृति प्रदान की थी। इस औषधि वाटिका में कई प्रजातियों के आंवला, बहेड़ा, हर्र, नीम, बेल, बालम खीरा, पीपल के औषधीय पौधे रोपे गए हैं। पौधों के संरक्षण का इंतजाम भी किया गया था। औषधि वाटिका में रोपे गए पौधों की देखरेख के लिए एक चौकीदार तैनात किया गया था। औषधि वाटिका के चारों ओर जाली के कटीले तार लगवाई गई है। ताकि पौधों को जानवरों से बचाया जाए वन विभाग ने यहां पर पौधारोपण के साथ-साथ तालाब का निर्माण कराया था, जिससे भूजल की स्थिति सामान्य रहे।

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