Chhattisgarh में अरबों के मेडिकल उपकरण घोटाले का पर्दाफाश: ईओडब्ल्यू ने दर्ज की एफआईआर, कई ठिकानों पर छापेमारी

Chhattisgarh, रायपुर। छत्तीसगढ़ में मेडिकल उपकरणों और रिएजेंट की खरीदी में बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है। राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर मोक्षित कॉरपोरेशन सहित कई कंपनियों के ठिकानों पर छापेमारी की। इस घोटाले में स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों और छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (CGMSC) की एमडी पर गंभीर आरोप लगे हैं।
एफआईआर में खुलासा हुआ है कि उपकरणों और रिएजेंट की खरीद में बजट और प्रशासनिक स्वीकृति के बिना 411 करोड़ रुपये की देनदारी शासन पर डाली गई। रिएजेंट की आवश्यकता का सही आकलन किए बिना अधिक मात्रा में खरीदी की गई, जबकि कई केंद्रों पर इनका उपयोग करने वाली मशीनें तक नहीं थीं।
27 दिन में प्रक्रिया पूरी, व्यक्तिगत लाभ का आरोप
सीजीएमएससी ने सिर्फ 27 दिनों में प्रक्रिया पूरी कर रिएजेंट आपूर्ति के आदेश जारी किए। घोटाले में शामिल कंपनियों ने बाजार मूल्य से कई गुना अधिक दर पर सामग्री की आपूर्ति की। 5 लाख रुपये की सीबीसी मशीनें 17 लाख रुपये में खरीदी गईं, जबकि 2352 रुपये प्रति नग की EDTA ट्यूब, जिसकी बाजार कीमत मात्र 8.50 रुपये है, का आदेश दिया गया।
फ्रिज और स्टोरेज की व्यवस्था का अभाव
रिएजेंट के भंडारण के लिए आवश्यक कोल्ड स्टोरेज और रेफ्रिजरेटर की कोई व्यवस्था नहीं थी। विशेषज्ञों की सलाह को दरकिनार करते हुए बड़ी मात्रा में एक्सपायरी डेट के नजदीक रिएजेंट खरीदे गए, जिससे नुकसान की भरपाई के लिए 600 नए रेफ्रिजरेटर खरीदने की योजना बनाई जा रही है।
कंपनियों की मिलीभगत और टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी
एफआईआर में मोक्षित कॉरपोरेशन, CB कॉरपोरेशन, रिकार्ड्स और मेडिकेयर सिस्टम सहित अन्य कंपनियों की सांठगांठ का जिक्र है। टेंडर प्रक्रिया में हेरफेर कर इन्हीं कंपनियों को ठेके दिए गए। निविदा में कई कंपनियों की आपत्तियों को नजरअंदाज किया गया और साजिश के तहत टेलरमेड स्पेसिफिकेशन तय किए गए।