मस्तूरी गोलीकांड : राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई में पूर्व कांग्रेस नेता ने चलवाई थी गोलियां, विश्वजीत अनंत समेत 6 आरोपी गिरफ्तार

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के मस्तुरी में हुए सनसनीखेज गोलीकांड मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस मामले में पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से देशी पिस्टल, कट्टा, कारतूस, मोबाइल फोन और अन्य आपराधिक सामग्री बरामद की गई है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह हमला पुरानी रंजिश और इलाके में वर्चस्व की लड़ाई के चलते किया गया था। इस बड़ी सफलता को बिलासपुर पुलिस की ए.सी.सी.यू. (सायबर सेल) और थाना मस्तुरी पुलिस की संयुक्त कार्रवाई माना जा रहा है। टीम ने 100 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगालकर नकाबपोश हमलावरों की पहचान की और लगातार निगरानी के बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया।

जानकारी के अनुसार, मस्तुरी निवासी नितेश सिंह और आरोपी विश्वजीत अनंत के परिवार के बीच जमीन की खरीद-बिक्री, अतिक्रमण और राजनीतिक वर्चस्व को लेकर पिछले कई वर्षों से विवाद चल रहा था। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ मस्तुरी और सिविल लाइन थानों में कई शिकायतें दर्ज कराई थीं। इसी पुरानी रंजिश को लेकर विश्वजीत अनंत ने अपने भाइयों और साथियों के साथ नितेश सिंह और उसके सहयोगियों की हत्या की साजिश रची। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपियों ने नितेश सिंह की दिनचर्या, आने-जाने के समय और बैठने की जगहों की रेकी पहले से कर रखी थी।

25 अक्टूबर को भी बना था हमला असफल

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आरोपियों ने 25 अक्टूबर को भी हमला करने की योजना बनाई थी, लेकिन उस दिन मौके पर लोगों की भीड़ अधिक होने के कारण उन्हें योजना रद्द करनी पड़ी। इसके बाद आरोपियों ने 28 अक्टूबर की शाम करीब छह बजे दो मोटरसाइकिलों में सवार होकर मस्तुरी जनपद पंचायत कार्यालय के सामने बैठे नितेश सिंह और उसके साथियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। अचानक हुई इस गोलीबारी में नितेश सिंह के साथ मौजूद राजू सिंह और चंद्रभान सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को तत्काल अपोलो अस्पताल, बिलासपुर में भर्ती कराया गया, जहां इनकी हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है।

जप्त सामान

पुलिस ने आरोपियों से कुल 2 देशी पिस्टल, 1 देशी कट्टा, 5 मैगजीन, 4 जिंदा कारतूस, 13 खाली खोखे, 10 बुलेट और 5 मोबाइल फोन बरामद किए हैं। फॉरेंसिक टीम को घटनास्थल से भी खाली खोखे और गोली के छर्रे मिले हैं, जिन्हें जांच के लिए रायपुर भेजा गया है।

साजिश और पैसों का लेनदेन

जांच के दौरान पुलिस को यह भी पता चला कि तारकेश्वर पाटले नामक व्यक्ति ने आरोपी विश्वजीत अनंत को ₹1 लाख नगद दिए थे, जिसे उसने अपने साथियों में “अडवांस” के रूप में बांट दिया था। पुलिस अब इस लेनदेन की कड़ी जांच कर रही है ताकि यह पता चल सके कि हमले में किसने फंडिंग की और हथियार कहां से खरीदे गए। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों ने वारदात के बाद अपने मोबाइल बंद कर दिए थे और कर्नाटक भागने की तैयारी में थे। लेकिन एसीसीयु टीम की लोकेशन ट्रैकिंग और तकनीकी निगरानी के जरिए पुलिस ने उन्हें बिलासपुर और कोनी इलाके से गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस की विशेष रणनीति और कार्रवाई

इस पूरे मामले की विवेचना वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह (भा.पु.से.) के नेतृत्व में की गई। उनके निर्देशन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अर्चना झा और एसडीओपी कोटा नूपुर उपाध्याय के मार्गदर्शन में एक संयुक्त टीम गठित की गई थी। टीम ने तकनीकी सर्विलांस, स्थानीय खुफिया नेटवर्क और सीसीटीवी एनालिसिस की मदद से हमलावरों की पहचान की। आरोपी विश्वजीत और उसके भाइयों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने अपराध में प्रयुक्त हथियार और मोटरसाइकिल भी जब्त कर लिए हैं।

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