रायपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार के नवगठित मंत्रिमंडल का स्वरूप पूर्ववर्ती डा. रमन सिंह की सरकार से अलग है। इस बार पार्टी ने नए-पुराने चेहरों का समावेश किया है। इसके चलते कई दिग्गज नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। इनमें पूर्व मंत्री राजेश मूणत, पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री रेणुका सिंह, पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर शामिल हैं। इन नेताओं के अलावा प्रदेश के कई अन्य दिग्गज नेताओं को भी मंत्री बनाए जाने की चर्चा का भी अंत हो गया। प्रदेश की कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत 13 सदस्य हो सकते हैं। इनमें अब तक 12 ने शपथ ले ली है। एक सीट लोकसभा चुनाव के बाद भरी जा सकती है।
दिलचस्प बात यह है कि रमन कैबिनेट के पूर्व मंत्रियों में केवल चार नेताओं को ही मंत्रिमंडल में जगह मिली है। इनमें रामविचार नेताम, बृजमोहन अग्रवाल, दयालदास बघेल, केदार कश्यप शामिल हैं। मुख्यमंत्री साय समेत उप मुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा, लखनलाल देवांगन, श्याम बिहारी जायसवाल, ओपी चौधरी, लक्ष्मी राजवाड़े, टंकराम वर्मा छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रिमंडल के नए चेहरे हैं। इनमें अरुण साव, विजय शर्मा, ओपी चौधरी, लक्ष्मी राजवाड़े और टंकराम वर्मा पहली बार विधायक निर्वाचित होकर मंत्री बने हैं।
ये विधायक भी मंत्री पद की दौड़ में रहे शामिल
राजेश मूणत, रेणुका सिंह, अमर अग्रवाल और अजय चंद्राकर के अलावा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व मंत्रियों में पुन्नूलाल मोहले, विक्रम उसेंडी, लता उसेंडी और भैयालाल राजवाड़े भी मंत्री पद की रेस में थे। हाल में लोकसभा सदस्य से इस्तीफा दे चुकीं रेणुका सिंह और गोमती साय जैसे चेहरे भी मंत्री नहीं बनाए गए। भाजपा ने इस बार रमन कैबिनेट में अलग अलग समय पर मंत्रि पद संभाल चुके 16 नेताओं को मैदान में उतारा था, इनमें से 11 ही जीते।
विक्रम, लता, धरमलाल और गोमती भी नदारद
2018 में चुनाव में हार के बाद बस्तर संभाग के आदिवासी नेता व पूर्व मंत्री विक्रम उसेंडी निष्क्रिय रहे। मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री साय स्वयं आदिवासी समाज से हैं, बाकी दो अन्य मंत्रियों में केदार कश्यप व रामविचार नेताम आदिवासी नेता हैं। ऐसे में आदिवासी समाज के विक्रम उसेंडी, भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मंत्री लता उसेंडी को जगह नहीं मिल सकी। पूर्व मंत्री भैयालाल राजवाड़े, पूर्व विस अध्यक्ष धरमलाल, पूर्व लोकसभा सदस्य गोमती साय ऐसे चेहरे हैं, जिन्हें मंत्रिमंडल में शामिल होने की चर्चा थी मगर वह शामिल नहीं हो पाए।