नई दिल्ली : दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया। सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को जमानत दे दी है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर 5 अगस्त को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इन शर्तों पर मिली मनीष सिसोदिया को जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया को कई शर्तों पर जमानत दी है। कोर्ट ने कहा कि मनीष सिसोदिया को 10 लाख रुपये का मुचलका देना होगा। इसके साथ ही उन्हें दो जमानतदार पेश करने होंगे। इसके अलावा मनीष सिसोदिया को अपना पासपोर्ट सरेंडर करना होगा। मनीष सिसोदिया को हर सोमवार और गुरुवार को थाने में जाकर हाजिरी देनी होगी।
मनीष सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट मे दिया था ये तर्क
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाले मामले में सीबीआई और ईडी दोनों केस में मनीष सिसोदिया को जमानत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब घोटाले मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सीबीआई और ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। मनीष सिसोदिया के वकील की तरफ से तर्क देते हुए कहा गया है कि वह 16 महीने से जेल में हैं, लेकिन केस अभी तक आगे नहीं बढ़ पाया है।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई पहले 11 जुलाई को होनी थी, लेकिन सुनवाई से पहले ही सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय कुमार ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। इसके बाद मामले की सुनवाई 16 जुलाई को हुई और इस दौरान कोर्ट ने दोनों जांच एजेंसियों को नोटिस जारी किया और फिर मामले को 29 जुलाई के लिए लिस्ट किया था। हालांकि, 29 जुलाई को ईडी के वकील की दलील के बाद इस मामले को दोबारा से सूचीबद्ध किया गया। इसके बाद 5 अगस्त को कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनी और अगली तारीख 9 अगस्त यानी आज शुक्रवार तय की।
पिछले साल हुई थी सिसोदिया की गिरफ्तारी
सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी, 2023 को अरेस्ट कर लिया। इसके बाद ईडी ने भी सीबीआई की एफआईआर से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में सिसोदिया के खिलाफ भी केस दर्ज कर लिया और ईडी ने सिसोदिया को 9 मार्च, 2023 को अरेस्ट कर लिया।
हाईकोर्ट के आदेश की दी चुनौती
मनीष सिसोदिया ने 21 मई को दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसमें उनकी दूसरी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। पूर्व उपमुख्यमंत्री कथित शराब नीति घोटाले के संबंध में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज मामलों में जमानत मांग रहे हैं।