रायपुर। छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ में एशिया की दूसरी सबसे बड़ी गुफा है। इस गुफा का नाम मंडीप खोल गुफा है। अक्षय तृतीया के बाद पड़ने वाले अगले सोमवार को मंडीप खोल गुफा को खोला जाता है। इस गुफा में महादेव का मंदिर है। मंदिर साल में एक बार खुलता है तो महादेव के दर्शन के लिए लोग 16 नदियों को पार कर यहां तक पहुंचते हैं। सोमवार को जब मंदिर का पट खुला तो हजारों की संख्या में कठिन डगर पर चलते हुए लोग यहां तक पहुंचे हैं।
दरअसल, भगवान भोलेनाथ से आशीर्वाद लेने के लिए लोग दुर्गम रास्तों पर चलकर यहां तक पहुंचते हैं। देश के कोने-कोने से लोग मंडीप खोल गुफा में आते हैं। यहां तक पहुंचने के लिए भक्तों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। दुर्गम रास्ते, घने जंगल, और नदी नालों को पारकर बाबा के दर पर भक्त पहुंचते हैं। यह रास्ता काफी जोखिम भरा होता है।
मंडीप खोल गुफा को लेकर कई रियासत कालीन मान्यताएं हैं। वर्षों से ठाकुरटोला के जमींदार इस गुफा को अक्षय तृतीया के बाद पड़ने वाले सोमवार को केवल एक दिन के लिए खोलते हैं। इसके बाद विधिवत पूजा अर्चना करते हैं। चट्टान हटाने के बाद जंगली जानवरों से बचाव के लिए पहले हवाई फायर भी किया जाता है। गुफा में पहला प्रवेश जमींदार परिवार के लोग ही करते हैं। वहां स्थित शिवलिंग सहित अन्य देवी देवताओं की विधि विधान से पूजा अर्चना कर क्षेत्र की खुशहाली की कामना करते हैं।
मंडीप खोल गुफा के कई रहस्य हैं। साथ ही यहां तक की यात्रा भी काफी रोमांचकारी होती है। इस चिलचिलाती गर्मी में भी गुफा के अंदर शीतलता होती है। सकरे मुख वाली इस गुफा के अंदर कई बड़े कक्ष हैं। कुछ साल पहले पुरातत्व विभाग द्वारा इस गुफा का सर्वेक्षण किया गया था, जिसमें यह पाया गया कि यह गुफा देश की सबसे लंबी और एशिया की दूसरी सबसे लंबी गुफा है। इसके इतिहास में काफी रहस्य छिपे हुए हैं, जिन पर अभी अनुसंधान होना बाकी है।
भौगोलिक दृष्टिकोण से मंडीप खोल गुफा मैकल पर्वत माला के खूबसूरत हिस्से में स्थित है। यहां पहुंचना सरल नहीं है क्योंकि गुफा तक पहुंचने का कोई स्थाई रास्ता नहीं है। पैलीमेटा या ठाकुरटोला तक ही सड़क मार्ग मौजूद है। इसके बाद भक्तों को घोर जंगल से होते हुए पगडंडियों की सहायता से पहाड़ों को पार करते हुए रास्ते में पड़ने वाली नदी और नालों को भी पार करना पड़ता है। गुफा के पास स्थित कुंड से निकलने वाली श्वेत गंगा को श्रद्धालु रास्ते में 16 बार पार करते हैं और बाबा भोलेनाथ के दर्शन पाते हैं।
वहीं, मंडीप खोल गुफा आने वाले भक्तों की संख्या बढ़ती जा रही है। हर साल दुर्गम रास्तों को पार कर हजारों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। इसका वैभव आसपास के इलाकों में फैलता जा रहा है। इस बार भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे हैं।