Mahashivratri Pradosh Vrat: शास्त्रों में कहा गया है कि महादेव अभिषेक से जल्दी प्रसन्न होते हैं क्योंकि वे “आशुतोष” हैं, यानी थोड़े से प्रेम और श्रद्धा से भी तुरंत कृपा कर देते हैं. अभिषेक करने से शिवजी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है और मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं. ऐसा ही एक खास अवसर इस बार मिलने वाला है.
फाल्गुन माह का पहला प्रदोष व्रत और महाशिवरात्रि इस बार एक के बाद एक दिन पड़ रहे हैं. फाल्गुन कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 25 फरवरी 2025 को है, जिसे भौम प्रदोष व्रत के रूप में मनाया जाएगा. इसके अगले दिन, 26 फरवरी 2025 को, चतुर्दशी तिथि के दौरान महाशिवरात्रि का पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाएगा.
प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त(Mahashivratri Pradosh Vrat)
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 25 फरवरी 2025 को दोपहर 12:47 बजे
त्रयोदशी तिथि समाप्त: 26 फरवरी 2025 को सुबह 11:08 बजे
प्रदोष काल पूजा मुहूर्त: 25 फरवरी 2025 को शाम 6:18 बजे से रात 8:49 बजे तक
महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त(Mahashivratri Pradosh Vrat)
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 26 फरवरी 2025 को सुबह 11:08 बजे
चतुर्दशी तिथि समाप्त: 27 फरवरी 2025 को सुबह 8:54 बजे
निशिता काल पूजा समय: 26 फरवरी 2025 की रात 12:09 बजे से 12:59 बजे तक