Maharashtra: महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज महायुति में मुख्यमंत्री पद को लेकर उठ रहे सवालों पर विराम लगा दिया। शिंदे कहा कि, भाजपा के शीर्ष नेता जो भी फैसला लेंगे, वो फैसला शिवसेना को मान्य होगा और भाजपा के उम्मीदवार को शिवसेना पूरी तरह से समर्थन देगी।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद सबसे बड़ा सवाल ये था कि महायुति गठबंधन में मुख्यमंत्री किस दल का होगा। इसे लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने सभी कयासों पर विराम लगाते हुए तय कि राज्य की शीर्ष दल भाजपा के शीर्ष नेता जो भी फैसला लेंगे और जिस किसी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाएंगे। उस उम्मीदवार को शिवसेना पूरी तरह से समर्थन देगी।
‘जल्द ही हम अपने नेताओं से मिलेंगे और निर्णय लेंगे’
वहीं उनके इस बयान पर भाजपा नेता और महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, हमारी महायुति में कभी भी एक-दूसरे के प्रति मतभेद नहीं रहा। हमने हमेशा मिल-बैठकर निर्णय लिए हैं और चुनाव से पहले हमने कहा था कि चुनाव के बाद हम (मुख्यमंत्री पद के बारे में) सामूहिक रूप से निर्णय लेंगे। कुछ लोगों को संदेह है, जिसे आज एकनाथ शिंदे जी ने स्पष्ट कर दिया है। जल्द ही हम अपने नेताओं से मिलेंगे और निर्णय लेंगे।
‘अगला मुख्यमंत्री तय करेगा महाराष्ट्र कैबिनेट’
जबकि राज्य के नए कैबिनेट को लेकर किए गए सवाल पर देवेंद्र फडणवीस ने कहा, कि महाराष्ट्र के अगले कैबिनेट को लेकर फैसला अगले मुख्यमंत्री की तरफ से उनके नाम पर अंतिम मुहर लगने के बाद लिया जाएगा। मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे आगे चल रहे फडणवीस ने जोर देकर कहा कि शिवसेना, भाजपा और एनसीपी का महायुति गठबंधन सरकार बनाने के लिए एकजुट है।
‘सभी निर्णय सामूहिक रूप से लिए जाएंगे
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महायुति के घटक एकजुट हैं। उन्होंने कहा, सभी निर्णय सामूहिक रूप से लिए जाएंगे और हम अपने शीर्ष नेताओं के साथ बैठक करेंगे। अगर किसी को संदेह है, तो एकनाथ शिंदे ने इसे स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा, एकनाथ शिंदे साहब, अजितदादा पवार और मैं साथ हैं। महायुति गठबंधन में कोई विवाद नहीं है। चुनाव से पहले हमने कहा था कि सभी निर्णय हमारे वरिष्ठ नेतृत्व के साथ मिलकर लिए जाएंगे। हम संयुक्त निर्णय लेंगे।
कल दिल्ली दौरे पर महायुति के नेता!
सूत्रों के अनुसार, महाराष्ट्र एनडीए के नेता गुरुवार को दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं, जो यह संकेत देता है कि राज्य में नई सरकार में तीन प्रमुख ‘महायुति’ घटकों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्रियों के फॉर्मूले का पालन किया जाएगा। जहां भाजपा को मुख्यमंत्री पद मिलने की संभावना है, वहीं उसके दो सहयोगियों – शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी – को दो उपमुख्यमंत्री का पद दिए जाने की उम्मीद है।
वहीं देवेंद्र फडणवीस ने चुनाव प्रक्रिया में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के इस्तेमाल पर आपत्ति जताने के लिए विपक्षी दलों की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम मुद्दे पर अपना रुख पहले ही स्पष्ट कर दिया है। शीर्ष अदालत ने संकेत दिया है कि हार का दोष ईवीएम पर नहीं मढ़ा जाना चाहिए। ईवीएम काम करना जारी रखेंगी।