Madheshwar Pahad : जशपुर जिले के कुनकुरी ब्लॉक में मयाली गांव से 35 किमी दूर स्थित मधेश्वर पहाड़ विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग के प्राकृतिक प्रतिकृति के रूप में दर्ज हो गया है।
ऐतिहासिक उपलब्धि को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ने ’लार्जेस्ट नेचुरल फैक्सिमिली ऑफ शिवलिंग’ के रूप में दर्ज किया है।
संस्थान की प्रतिनिधि हेमल शर्मा और अमित सोनी ने मंत्रालय स्थित कार्यालय में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मुलाकात कर वर्ल्ड रिकार्ड का सर्टिफिकेट सौंपा।
पर्यटन वेबसाइट पर दर्ज हुआ जशपुर का नाम
इस मौके पर मुख्यमंत्री साय ने लोगों को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश के पर्यटन की उपलब्धियों में एक नया आयाम जुड़ गया है।
बताते चलें कि हाल ही में पर्यटकों के बीच लोकप्रिय पर्यटन वेबसाइट https://www.easemytrip.com में जशपुर जिले को शामिल किया गया है।
इससे पर्यटन प्रेमियों को जशपुर के नैसर्गिक स्थलों की जानकारी आसानी से उपलब्ध होगी। इस वेबसाइट में शामिल होने वाला जशपुर छत्तीसगढ़ का पहला जिला है।
माना जा रहा है कि अब पर्यटन प्रेमियों को जशपुर के बारे में और भी ज्यादा जानकारी मिलेगी, जिससे यहां पर्यटन और अधिक बढ़ेगा।
एडवेंचर स्पोर्ट्स का भी मिलेगा मजा
मधेश्वर पहाड़ लोगों की धार्मिक आस्था का केंद्र है। स्थानीय ग्रामीण विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग के रूप में पूजते हैं।
पर्वतारोहण और रोमांचक खेलों के लिए भी लोकप्रिय हो रहा है। यहां हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं।
बताते चलें कि मधेश्वर पहाड़ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होंने के साथ ही पर्वतारोहण और एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए भी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
यहां प्रकृति के साथ जुड़ाव का अनुभव करने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक हर साल यहां आ रहे हैं। जशपुर जिले में पर्यटन और रोमांचक खेलों के विकास की असीम संभावनाएं हैं।