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प्रदोष काल में पूजा करने से भगवान् भोलेनाथ होंगे प्रसन्न, जानें पूजा विधि

हर महीने की शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत किया जाता है, फिलहाल माघ का महीना चल रहा है और इस महीने के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 2 फरवरी 2023, गुरुवार के दिन है। इस दिन भगवान शिव की प्रदोष काल में पूजा करने से वे प्रसन्न होते हैं और मनचाहा आशीर्वाद प्रदान करते हैं। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

गुरु प्रदोष व्रत 2023 मुहूर्त

पंडित रमाकांत मिश्रा के अनुसार, इस बार प्रदोष व्रत बहुत ही शुभ योगों में आया है। गुरु प्रदोष की पूजा के समय अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त बना है। पंडित जी ने बताया कि 02 फरवरी को शाम 04 बजकर 26 मिनट से माघ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि प्रारंभ हो रही है और 03 फरवरी को शाम 06 बजकर 57 मिनट पर इसका समापन होगा। चूंकि प्रदोष की पूजा शाम के समय होती है इसलिए 2 फरवरी के दिन गुरुवार को प्रदोष व्रत रखा जाएगा और प्रदोष काल में पूजा भी की जाएगी।

गुरु प्रदोष 2023 पूजा मुहूर्त

02 फरवरी को प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 01 मिनट से रात 08 बजकर 38 मिनट तक है। इस समय में अमृत-सर्वोत्तम शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 01 मिनट से शाम 07 बजकर 39 मिनट तक है। इस मुहूर्त में भोलेनाथ की पूजा करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

गुरु प्रदोष व्रत पर रवि-सर्वार्थ सिद्धि योग

प्रदोष की त्रयोदशी तिथि में रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बना है। सर्वार्थ सिद्धि योग 03 फरवरी को सुबह 06 बजकर 18 मिनट से सुबह 07 बजकर 08 मिनट तक है। ऐसे ही रवि योग भी उसी समय 06:18 बजे से लेकर 07:08 बजे तक है।

प्रदोष व्रत पूजा विधि

प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।

इसके बाद साफ- स्वच्छ वस्त्र पहन लें और फिर घर के मंदिर में दीप जलाएं।

दीप जलाने के बाद भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें और उन्हें पुष्प अर्पित करें।

इस दिन भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजा भी करने का विधान है।

अंत में भगवान शिव को भोग लगाएं।

भगवान शिव की आरती करें।

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