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लोकसभा चुनाव 2024 : छत्‍तीसगढ़ के दिग्गज नेताओं की दिशा-दशा तय करेगा लोकसभा का चुनावी परिणाम

रायपुर : लोकसभा चुनाव के परिणामों का सभी को बेसब्री के इंतजार है। चार जून की सुबह आठ बजे से मतगणना होगी। इसी के साथ सीटवार रुझाना आना शुरू हो जाएगा। इस लोकसभा चुनाव में प्रत्येक सीट पर रोचक मुकाबला है। इसी के साथ दिग्गज नेताओं की दिशा-दशा भी तय हो जाएगी।

रायपुर में भाजपा के कद्दावर नेता व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल व कांग्रेस के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय की साख दांव पर है। इसी तरह राजनांदगांव में कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व भाजपा के प्रत्याशी व मौजूदा सांसद संतोष पांडेय का भविष्य यह चुनाव तय करेगा।

कोरबा लोकसभा क्षेत्र में भी कांग्रेस की मौजूदा सांसद ज्योत्सना महंत और भाजपा की तेजतर्रार नेत्री सरोज पांडेय में से किसी एक के सिर पर विजय का ताज सजेगा। बिलासपुर में भाजपा प्रत्याशी तोखनराम साहू के सामने कांग्रेस ने भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव को चुनावी मैदान में उतारा है। देवेंद्र भिलाई क्षेत्र के हैं और बिलासपुर से लड़ रहे हैं।

इसी तरह रायगढ़ लोकसभा सीट पर भाजपा ने राधेश्याम राठिया और कांग्रेस ने डा. मेनका देवी सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है। ये दोनों ही प्रत्याशी पहली बार चुनावी मैदान में हैं। वहीं उत्तरी छत्तीसगढ़ में सरगुजा लोकसभा सीट का सियासी समीकरण इस बार चिंतामणि महराज ने दिलचस्प कर दिया है।

चार महीने पहले ही कांग्रेस से भाजपा में आए सामरी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक चिंतामणि महराज ने टिकट कटने के बाद बगावत कर दी थी, जिसके बाद वे भाजपा में शामिल हुए और सरगुजा से लोकसभा प्रत्याशी बनाए गए। कांग्रेस ने युवा नेत्री, युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव शशि सिंह चुनावी मैदान में हैं।

बतादें कि पिछली बार लोकसभा चुनाव में भाजपा को 11 में से नौ तो कांग्रेस को दो सीटें हासिल हुई थी। अभी परिणाम जारी होने से पहले तमाम एग्जिट पोल में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को बड़ा नुकसान होता दिख रहा है। प्रदेश की 11 लोकसभा की सीटों में भाजपा 10 से 11 सीटें जीतती दिख रही है और कांग्रेस को एक सीट मिलने के संकेत दिख रहे हैं।

भाजपा ने चुनाव में उठाए ये मुद्दे

भाजपा ने इस चुनाव में राम मंदिर निर्माण से लेकर जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति, तीन तलाक के विरुद्ध कानून, नारी शक्ति वंदन अधिनियम और नागरिकता संशोधन अधिनियम जैसे मुद्दे मतदाताओं को साधने के लिए उठाए। भाजपा ने स्टार प्रचारकों की सभाओं की कतार लगा दी और 17 बड़ी सभाएं की। इनमें प्रधानमंत्री मोदी से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे नेताओं ने मतदाताओं को साधा।

कांग्रेस ने ये उठाए मुद्दे

कांग्रेस ने पांच न्याय और 25 गारंटी मुद्दों से ज्यादा प्रधानमंत्री मोदी पर ही शब्दबाण छोड़े। कांग्रेस ने किसानों का कर्जा माफ, नया एमएसपी कानून, जातिगत जनगणना, आरक्षण में लगे 50 प्रतिशत की सीमा हटाने के मुद्दों पर मतदाताओं को साधने की कोशिश। कांग्रेस की छह बड़ी सभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे वोट मांगते रहे।

पांच साल में बदले मुद्दे

लोकसभा चुनाव 2019 में राज्य के चुनाव में किसान, चिटफंड कंपनियों में निवेश करने वाले पीड़ित, आदिवासी समाज, खनन, बुनियादी ढांचे और रोजगार के मुद्दे हावी रहे। भाजपा मोदी की उपलब्धियों के साथ चुनाव लड़ रही थी तो कांग्रेस अपने तीन महीने की उपलब्धियों को गिनाती दिख रही थी।

इनके बीच है मुकाबला

लोकसभा क्षेत्र भाजपा प्रत्याशी कांग्रेस प्रत्याशी

रायपुर बृजमोहन अग्रवाल विकास उपाध्याय

राजनांदगांव संतोष पांडेय भूपेश बघेल

दुर्ग विजय बघेल राजेंद्र साहू

बिलासपुर तोखन साहू देवेंद्र सिंह यादव

कोरबा सराेज पांडेय ज्योत्सना सिंह

रायगढ़ राधेश्याम राठिया डा. मेनका देवी सिंह

सरगुजा चिंतामणि महराज शशि सिंह

महासमुंद रूपकुमारी चौधरी ताम्रध्वज साहू

बस्तर महेश कश्यप कवासी लखमा

कांकेर भोजराज नाग बीरेश ठाकुर

जांजगीर-चांपा कमलेश जांगड़े डा. शिव कुमार डहरिया

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