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‘छत्तीसगढ़ में 9000 करोड़ का शराब घोटाला’:’आप’ पार्टी ने कहा, “बिना परमिट और स्कैन किए बगैर बेची शराब”

रायपुर: प्रदेश में शराब घोटाले की जांच अभी चल ही रही है। इस बीच आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी का बयान सामने आया है। हुपेंडी के अनुसार छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ का नहीं बल्कि 9000 करोड़ से अधिक का शराब घोटाला हुआ है। उनका दावा है कि इस घोटाले से जुड़े सारे सुबूत भी उनके पास है।

आप पार्टी का आरोप है कि इस घोटाले को छुपाने के लिए साल 2021 से विभाग की वेबसाइट भी बंद कर दी गई है। इस मामले पर दोषियों पर कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में आप ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।आप के मुखिया हुपेंडी ने कहा कि बीतें 3 सालों से छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से बड़ी मात्रा में शराब बेची गई। कांग्रेस के नेताओं ने अपने करीबियों के साथ मिलकर यहां के आम लोगों को शराब की लत लगा दी।

आम आदमी पार्टी के नेताओं ने मुख्यमंत्री से लेकर अधिकारियों को पूरे सबूतों के साथ शिकायत पत्र भेजा। लेकिन उन सभी शिकायतों को दरकिनार कर दिया गया। आगे उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी ने महासमुंद कलेक्टर का घेराव भी किया लेकिन रसूखदारों के चलते कोई कार्रवाई नहीं की गई।

बड़े खुलासे किये जाने की बात

कोमल हुपेंडी ने बताया कि इस अवैध शराब मामले की शिकायत पार्टी के सह सचिव अभिषेक जैन ने 2 जुलाई को महासमुंद के कलेक्टर से की थी। जिसमें जिला के सरकारी शराब दुकानों से अवैध रूप से बिना परमिट के डुप्लीकेट हाल मार्किंग वाली शराब प्रोड्यूसर से सीधे शराब दुकान पर पहुंचाई जा रही थी। फिर उसे बिना स्कैनिंग किए बेची गई। जबकि शराब को पहले संबंधित वेयरहाउस में रखकर स्टॉक मिलान किया जाता है, फिर आबकारी विभाग के परमिट के साथ दुकानों में भिजवाया जाता है। लेकिन इस पूरे मामले में प्रशासन ने कोई भी ध्यान नहीं दिया।

आबकारी अधिकारियों की संपत्ति की जांच क्यों नहीं की गई?

कोमल हुपेंडी में कहा कि आबकारी विभाग का आधिकारिक वेबसाइट मार्च 2021 से अब तक बंद है। जिसके लिए NIC छत्तीसगढ़ के अधिकारी और तत्कालीन आबकारी आयुक्त निरंजन दास जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में जुड़े कांग्रेस के नेताओं और इन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती तो आम आदमी पार्टी चक्काजाम कर उग्र प्रदर्शन करेगी।

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