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दिव्य फार्मेसी के 15 प्रोडक्ट्स का लाइसेंस हुआ रद्द, लाइसेंस अथॉरिटी ने इस कारण लगाया बैन

देहरादून। पतंजलि की दिव्य फार्मेसी कंपनी को बड़ा झटका लगा है. कंपनी के 15 प्रोडक्ट्स पर राज्य की लाइसेंस ऑथोरिटी ने बैन लगा दिया है. इसमें दिव्य फार्मेसी की खांसी की दवा से लेकर कई तरह की टैबलेट शामिल हैं. दिव्य फार्मेसी की दवाओं पर भ्रामक विज्ञापन मामले में बैन लगाया गया है. दरअसल, आयुर्वेदिक उत्पादों के भ्रामक प्रचार के मामले में सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद उत्तराखंड सरकार ने पतंजलि पर एक बड़ी कार्रवाई की है. राज्य सरकार की ओर से कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से पतंजलि के 14 उत्पादों की मैन्युफैक्चरिंग लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है. यह जानकारी उत्तराखंड सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सोमवार शाम हलफनामा दायर कर दी गई है.

दिव्य फार्मेसी बाबा रामदेव के पतंजलि प्रोडक्ट्स का निर्माण करती है. 29 अप्रैल को राज्य के लाइसेंस ऑथोरिटी ने बाबा रामदेव की फर्म को खांसी, ब्लड प्रेशर, शुगर, लिवर, गोइटर और आई ड्राप के लिए इस्तेमाल की जाने वाली 15 दवाओं के उत्पादन को रोकने का निर्देश दिया है.

लाइसेंस ऑथोरिटी ने क्या कहा?
लाइसेंस ऑथोरिटी ने बैन लगाते हुए कहा कि 10 अप्रैल, 2024 को उच्चतम न्यायालय के समक्ष उपस्थित होकर दिव्य फार्मेसी तथा पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा किए गए भ्रामक विज्ञापनों के संबंध में कृत कार्यवाही से माननीय उच्चतम न्यायालय को अवगत कराया गया था, जिससे जुड़ी ये कार्रवाई की गई है.

आदेश में अधिकारियों ने ब्लड प्रेशर, मधुमेह, गोइटर, ग्लूकोमा और उच्च कोलेस्ट्रॉल के लिए इस्तेमाल की जाने वाली बीपीग्रिट, मधुग्रिट, थायरोग्रिट, लिपिडॉम टैबलेट और आईग्रिट गोल्ड टैबलेट पर प्रतिबंध लगा दिया है.

इन 15 प्रोडक्ट्स पर लगा बैन
स्वसारी गोल्ड
स्वसारी वटी
ब्रोन्कोम
स्वसारी प्रवाही
स्वसारी अवलेह
मुक्त वटी एक्स्ट्रा पावर
लिपिडोम
BP ग्रिट
मधु ग्रिट
मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर
लिवामृत एडवांस
लीवॉरिट
पतंजलि दृष्टि आई ड्राप
आइग्रिट Gold

क्या है मामला?
दरअसल, हाल ही में पतंजलि को भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने माफ़ी मांगने को कहा था. पतंजलि ने विज्ञापन में दावा किया गया कि पतंजलि की दवाओं से लोगों का शुगर, हाई ब्लड प्रेशर, थायराइड, लीवर सिरोसिस, गठिया और अस्थमा ठीक हो गया है. लेकिन, डॉक्टरों के निकाय ने कहा कि पतंजलि ने अपने उत्पादों से कुछ बीमारियों के इलाज के बारे में लगातार झूठे दावे किए हैं.

सभी जिला ड्रग इंस्पेक्टर को भेजा आदेश
सुप्रीम कोर्ट से उत्तराखंड सरकार की राज्य लाइसेंसिंग अथारिटी आयुर्वेद एंड यूनानी सर्विस विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर डाक्टर मिथिलेश कुमार ने एक हलफनामा दायर किया है. इस हलफनामे में कहा गया है कि स्टेट लाइसेंसिंग अथारिटी ने आयुर्वेदिक उत्पादों के भ्रामक प्रचार मामले में उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट के आधार पर दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड से संबंधित स्वसरी गोल्ड, स्वसरी वटी, स्वसरी प्रवाही, ब्रोनचोम, स्वसरी अवालेह, मुक्ता वटी एक्सट्रा पॉवर, लिपिडोम, बीपी ग्रिट, मधुग्रिट, मधुनाशिनी वटी एक्सट्रा पॉवर, लिवाम्रीत एडवांस, लिवोग्रिट, आईग्रिट गोल्ड और पतंजलि दृष्टि आई ड्रॉप के निर्माण लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है. इस आदेश को सभी जिला ड्रग इंस्पेक्टर को भी भेजा गया है.

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