प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने की अंतिम तिथि : समय बढ़ाने के बाद भी 6 करोड़ तक ही हुई वसूली, नहीं चुकाने वालों पर होगी कार्रवाई

रायपुर। राजधानी रायपुर में प्रॉपर्टी टैक्स जमा करने की अंतिम तिथि 30 अप्रैल को समाप्त हो रही है, लेकिन नगर निगम अभी भी अपने तय 325 करोड़ रुपए के राजस्व लक्ष्य से काफी पीछे है। टैक्स वसूली की धीमी गति को देखते हुए अब निगम की नजरें बड़े डिफॉल्टरों पर टिक गई हैं।

नगर निगम के अनुसार, निर्धारित अवधि से एक माह अतिरिक्त समय दिए जाने के बावजूद अब तक केवल 6 करोड़ रुपए की ही अतिरिक्त वसूली हो सकी है। ऐसे में अब उन संपत्ति धारकों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जाएगी। जिन्होंने बार-बार चेतावनी के बावजूद टैक्स नहीं चुकाया है। अधिकारियों ने साफ संकेत दिए हैं कि आज के बाद टैक्स नहीं पटाने वालों की संपत्तियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, डिफॉल्टरों की सूची भी सार्वजनिक की जाएगी।

अब एक साथ होगी रजिस्ट्री और नामांतरण

वहीं 29 अप्रैल को एक खबर आई कि, छत्तीसगढ़ शासन ने पंजीयन एवं राजस्व विभाग के समन्वित प्रयास से भूमि रजिस्ट्री और नामांतरण प्रक्रिया को आपस में जोड़ते हुए एक क्रांतिकारी पहल की जा रही है। इसके अंतर्गत अब जैसे ही रजिस्ट्री की प्रक्रिया संपन्न होगी, नामांतरण का आवेदन स्वतः राजस्व विभाग के सॉफ्टवेयर में पहुंच जाएगा। इस सुविधा की ट्रायल प्रक्रिया 29 अप्रैल से बलौदा बाजार जिले के मुख्य जिला पंजीयक कार्यालय में प्रारंभ हो चुकी है। जो आगामी तीन दिनों तक चलेगी। यह ट्रायल की प्रक्रिया रायपुर जिला नया रायपुर एवं बलौदा बाजार जिले में ही अभी चालू की गई है।

अब तक नागरिकों को पहले जमीन की रजिस्ट्री कराने के बाद अलग से तहसील कार्यालय जाकर नामांतरण के लिए आवेदन देना पड़ता था। इस नई व्यवस्था के लागू होने से यह दोहरा कार्य अब एकीकृत प्रक्रिया के माध्यम से सरल, तेज और पारदर्शी हो जाएगा। यह सुविधा पंजीयन एवं राजस्व विभाग के सॉफ्टवेयर के आपसी समन्वय से संभव हो पाई है। ट्रायल के उपरांत आगामी 3 मई को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय इस सुविधा का राज्यभर में विधिवत शुभारंभ करेंगे।

शुरू होंगी 10 नई डिजिटल सुविधाएं

इसको लेकर बलौदा बाजार रजिस्ट्रार कार्यालय पंजीयक विप्लव श्रीवास्तव ने बताया कि, इसके अतिरिक्त पंजीयन विभाग द्वारा आम जनता के हित में 10 नई डिजिटल सुविधाएं भी शुरू की जा रही हैं। जिनमें प्रमुख हैं – कैशलेस रजिस्ट्रेशन, आधार वेरीफिकेशन आधारित सत्यापन, घर बैठे सर्च रिपोर्ट प्राप्त करने की सुविधा, पेपरलेस दस्तावेज़ प्रक्रिया तथा रजिस्ट्री के उपरांत पंजीयन कार्यालय आने की आवश्यकता समाप्त होना। इस नवाचार से नागरिकों को न केवल समय और धन की बचत होगी, बल्कि प्रक्रियाएं भी अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और डिजिटल होंगी। छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल प्रदेश को डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में और सशक्त बनाएगी।

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