‘लाख गिरा दे बिजली मुझपर…’, ट्रांसजेंडर बनीं सुष्मिता सेन की ‘ताली’ का मोशन पोस्टर जारी

मुंबई : बॉलीवुड एक्ट्रेस सुष्मिता सेन ने हमेशा ही अपने दर्शकों को लीक से हटकर किरदारों में एंटरटेन किया है। चाहे सिल्वर स्क्रीन हो या ओटीटी प्लेटफॉर्म, एक्ट्रेस ने हमेशा उन प्रोजेक्ट्स को चुना है, जिसमें उनकी प्रतिभा निखरकर सामने आ रही हो। उन्होंने हमेशा ही अपनी अदाकारी का लोहा मनवाया है, और अब ऐसा ही कुछ वह एक बार फिर ‘ताली’ में भी कर दिखाने को तैयार हैं।

सुष्मिता सेन पिछले काफी समय से ट्रांसजेंडर पर आधारित जियो सिनेमा की वेब सीरीज प्रोजेक्ट ‘ताली’ को लेकर सुर्खियों में हैं। पिछले साल अक्टूबर में उन्होंने इस वेब सीरीज का ऐलान किया था, जिसके बाद अब शो का मोशन पोस्टर जारी कर दिया गया है। इस सीरीज में उनका अलग अंदाज देखने को मिलने वाला है।

‘ताली’ को मोशन पोस्टर आउट

सुष्मिता सेन ‘ताली’ में गौरी सावंत की भूमिका निभाती देखी जाएंगी। जारी किए गए मोशन पोस्टर में एक्ट्रेस का चेहरा तो नहीं दिख रहा, लेकिन उनकी आंखों ने सबका ध्यान जरूर खींच लिया। पोस्टर की शुरुआत में तीन जेंडर टिक बॉक्स दिख रहे हैं। इसके बाद ट्रांसजेंडर बॉक्स में एक लाल बिंदी लगी नजर आती है। इसके बाद एक आवाज बोलती है ‘मैं ताली बजाती नहीं, बजवाती हूं।’

आंखों से दिया एक्सप्रेशन

इस पूरे वीडियो में सुष्मिता का चेहरा नहीं दिखाया गया है। सिर्फ उनकी आंखें दिखाई गई हैं, जो अपने आप में ही पूरा एक्सप्रेशन दे रही हैं। इस पोस्टर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया है, ‘लाख गिरा दे बिजली मुझपे, मैं तो सतरंग बनूं। शो का डायरेक्शन रवि जाधव ने किया है।

कौन हैं गौरी सावंत?

गौरी सावंत एक सोशल वर्कर हैं, जो कई वर्षों से किन्नरों के हितों के लिए काम कर रही हैं। उनका जन्म ‘गणेश नंदन’ नाम के साथ हुआ था। उन्होंने अपनी जिंदगी में काफी उतार चढ़ाव देखे। गौरी जब स्कूल जाती थीं, तब वह अपने बारे में जानती तो थीं, लेकिन वह चाहकर भी पिता को बताने की हिम्मत नहीं कर पाईं। स्कूल में भी सारे बच्चे गौरी सावंत का मजाक उड़ाते थे और बहुत ही भद्दे कमेंट करते थे। उनके लिए समस्या कॉलेज जाने के दौरान हुई।

इसी दौरान उनके परिवार को उनकी असलियत का पता लगा। गौरी ने भी पिता की शर्मिंदगी का कारण न बनते हुए घर छोड़ दिया। उन्होंने हमसफर ट्रस्ट की मदद से खुद को बदला, और वह बन गईं गणेश नंदर से गौरी सावंत। गौरी ने नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (NALSA) में काफी अहम भूमिका निभाई थी। यह 2013 में फाइल किया गया केस था, जिसमें 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने फाइनल वर्डिक्ट सुनाते हुए ट्रांसजेंडर्स को थर्ड जेंडर करार देने का आदेश दिया था।

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