सावन का महीना शिव भक्तों के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। इस महीने चारों तरफ शिव के जयकारों की गूंज और माहौल भी शिवमय हो जाता है। सावन के पवित्र महीने में कावड़ यात्रा भी की जाती है, क्योंकि सावन में कावड़ यात्रा का विशेष महत्व है और इस साल तो कावड़ यात्रा का महत्व और भी बढ़ने वाला है क्योंकि इस साल 2023 में सावन एक नहीं बल्कि दो महीने रहेगा।
शिव भक्तों को बता दें कि अगर आप भी कावड़ यात्रा शुरु करना चाहते हैं तो 4 जुलाई से पहले सभी तैयारियां कर लें, क्योंकि इस साल कावड़ यात्रा 4 जुलाई से शुरु होकर 31 अगस्त तक चलेगी। सावन के दो महीने के होने की वजह से कावड़ियों को भी शिव जी की भक्ति व उन्हें प्रसन्न करने के लिए ज्यादा समय मिलेगा। भक्त गंगा से कावंड भरकर लाएंगे और शिवजी को गंगा जल अर्पित करेंगे।
हर साल सावन में होते हैं 5 सोमवार
हर साल सावन में चार या पांच सोमवार पड़ते थे, लेकिन इस बार सावन में पूरे 8 सोमवार पड़ेगे। इस बार दो महीने तक शिव की भक्ति का समय मिलेगा। शिव भक्ति का ये माह बहुत ही पावन महिना होता है। इसलिए इस दौरान शिव जी का आभिषेक करना उत्तम माना जाता है। रुद्राभिषेक, जलाभिषेक, गंगा जल से अभिषेक करना उत्तम फल प्रदान करता है।
इन विशेष तिथि पर चढ़ा सकते हैं कावड़ जल
इस साल कावड़ यात्रा 4 जुलाई 2023, मंगलवार के दिन शुरु होगी। कावड़ यात्रा का समापन 31 अगस्त 2023, गुरुवार के दिन होगा। इन दो महीनों के दौरान आप विशेष दिनों में शिव जी को जल अर्पित कर सकते हैं। ये हैं वो तारीखें-
15 जुलाई, 2023, शनिवार शिवरात्रि, प्रदोष व्रत
30 जुलाई, 2023 रविवार प्रदोष व्रत
13 अगस्त, 2023 रविवार प्रदोष व्रत
14 अगस्त, 2023 सोमवार शिवरात्रि
28 अगस्त, 2023, सोमवार प्रदोष व्रत
क्या होती है कावड़ यात्रा
बता दें कि कावड़ यात्रा शिव जी की भक्ती का अनोखा तरीका है, जिसमें शिव भक्त उन्हें अपने महादेव को प्रसन्न करने के लिए सावन के महीने में कावड़ यात्रा के लिए निकल जाते है और पैदल चल कर गंगा से पानी भर कर लाते हैं और शिव जी पर जल चढ़ाते हैं। सावन का महीना सबसे ज्यादा पवित्र माना जाता है। इस माह में शिव जी पर अगर जल चढ़ाया जाए तो माना जाता है कि भोलेनाथ आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।