जल्द ही गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाने वाला है। गणेश उत्सव को लेकर लोगों में एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। इस साल 19 सितंबर से गणेश उत्सव की शुरुआत हो रही है। महाराष्ट्र और गुजरात में गणपति उत्सव पर शानदार माहौल रहता है। गणेश चतुर्थी से गणेश उत्सव की शुरुआत होती है। 10 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में बप्पा की मूर्ति घर लाई जाती है और उन्हें स्थापित किया जाता है। इस दौरान गणेश जी की विधि-विधान से पूजा करने से वे प्रसन्न होते हैं। गणेश चतुर्थी पर बप्पा की मूर्ति घर लाते समय कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए।
बाईं ओर झुकी हुई सूंड
भगवान गणेश की मूर्ति घर लाते समय इस बात का ध्यान रखें कि प्रतिमा में भगवान गणेश की सूंड बाईं ओर झुकी होनी चाहिए। इस तरह की मूर्ति की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि का प्रवेश होता है। भूलकर भी दाएं ओर झुकी हुई सूंड वाली प्रतिमा घर न लाएं।
मुद्रा का रखें ध्यान
बप्पा की मूर्ति घर लाते समय उनकी मुद्रा का अवश्य ध्यान रखें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, गणेश जी की बैठी हुई अवस्था में मूर्ति लाना शुभ माना जाता है। इस प्रतिमा को लाने से घर में धन-वैभव और सुख-शांति आती है। लेटे हुए अवस्था में भी गणेश जी की प्रतिमा घर लाना शुभ होता है।
सिंदूर के रंग की प्रतिमा
सिंदूर के रंग की गणपति जी की प्रतिमा घर लाने से बप्पा का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस तरह की मूर्ति घर लाकर विधि-विधान से पूजा करना चाहिए। वहीं, सफेद रंग की बप्पा की मूर्ति घर लाने से घर में शांति बनी रहती है।
मोदक और मूषक
बप्पा की मूर्ति घर लाते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि गणपति बप्पा के हाथ में मोदक रहना चाहिए। मूर्ति के साथ मूषक भी जरूर होना चाहिए। मूषक, गणेश जी का वाहन माना जाता है।
दिशा का रखें ध्यान
गणपति जी की प्रतिमा स्थापित करते समय दिशा का ध्यान भी रखें। वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर दिशा में देवी-देवताओं की प्रतिमा स्थापित करना चाहिए। बप्पा की मूर्ति भी उत्तर दिशा में स्थापित करें। साथ ही इस चीज का भी ध्यान रखें कि गणेश जी का मुख, मुख्य दरवाजे की तरफ होना चाहिए।