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‘खालिस्तान विचारधारा को पनपने दिया गया’, कनाडा में मौजूदा हालातों को लेकर बोला भारतीय-कनाडाई समुदाय

ओटावा : भारत-कनाडा के बीच खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। इस बीच, भारतीय-कनाडाई समुदाय के एक प्रमुख सदस्य ने कनाडा में पनपे माहौल को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि इस माहौल ने ही खालिस्तान चरमपंथियों को हिंसा करने, उनका विरोध करने वालों को धमकाने-डराने में सक्षम बनाया है।

गौरतलब है, हरदीप सिंह निज्जर की हत्या जून में की गई थी। पिछले महीने कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने संसद में भारत की एजेंसियों पर हत्या करने का आरोप लगाया था। इसके बाद, दोनों देशों के बीच विवाद बढ़ गया।

राजनीति करना कनाडा के भविष्य के हित में नहीं

कनाडा भारतीय संगठन के राष्ट्रीय संयोजक रितेश मलिक ने आगाह करते हुए कहा कि थोड़े समय के लाभ के लिए राजनीति करना कनाडा के भविष्य के हित में नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हम एक देश के रूप में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, जो हमारा चार्टर अधिकार है, उन लोगों को देने की दिशा में काम कर रहे हैं, जो दूसरों की स्वतंत्रता में विश्वास नहीं करते हैं।’

समाज में दरार पैदा करने की कोशिश

कनाडा में खालिस्तान चरमपंथियों का जिक्र करते हुए मलिक ने कहा कि ये लोग समाज में दरार पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। यह तत्व नापाक एजेंडे के साथ काम कर रहे हैं और दोनों देशों के बीच संबंधों को खराब करने पर लगे हैं। उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सभी के लिए होनी चाहिए। लेकिन, दुर्भाग्य से कनाडा में उस तरह का इकोसिस्टम यानी पारिस्थितिकी तंत्र बनाया है, जहां यह लोग बहुत मुखर, बहुत हिंसक, बहुत आक्रामक हैं और वे किसी को भी नहीं छोड़ते हैं।

इन लोगों के खिलाफ बोलना पड़ेगा

मलिक ने कहा कि इन लोगों के खिलाफ सामने आना पड़ेगा। सभी लोग इनके खिलाफ सामने आओ। यह लोग मानवता को खत्म करने के लिए धौंस दिखाएंगे, धमकाएंगे, हर तरीके को अपनाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन के सिख सामने आए हैं। उन लोगों ने स्पष्ट कहा है कि वे खालिस्तान की विचारधारा में विश्वास या समर्थन नहीं करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘ये बड़े मुद्दे हैं, जो कनाडा के लंबे समय के हित को लेकर चिंता पैदा करते हैं। हम अपने बच्चों के भविष्य और समुदायों के बीच दरार को लेकर चिंताा महसूस करते हैं।’ उन्होंने सरकार, नेताओं और वकालत से आग्रह किया कि वे कनाडा के हित के लिए इन मुद्दों को उठाएं।

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