एकादशी व्रत का हिंदू धर्म में बहुत महत्व होता है। एकादशी की व्रत करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। हर महीने दो एकादशी पड़ती है। एक एकादशी कृष्ण पक्ष में और दूसरी एकादशी शुक्ल पक्ष में पड़ती है। इस साल 10 सितंबर को अजा एकादशी का पर्व मनाया जाने वाला है। एकादशी रविवार को होने से इस दिन रवि पुष्य समेत 3 शुभ योग बनने जा रहे हैं। ये योग बहुत ही शुभ माने जाते हैं। अजा एकादशी पर व्रत रखने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है, साथ ही हर मनोकामना पूरी होती है। अजा एकादशी के दिन कुछ नियमों का पालन जरूर करना चाहिए।
अजा एकादशी कब है?
अजा एकादशी का व्रत 10 सितंबर, रविवार को रखा जाएगा।
एकादशी तिथि 9 सितंबर को शाम 7.17 मिनट से शुरू हो जाएगी।
एकादशी तिथि 10 सितंबर को रात 9.28 मिनट पर समाप्त होगी।
व्रत पारण 11 सितंबर सुबह 06.04 मिनट से 08.33 मिनट तक किया जाएगा।
इन नियमों का करें पालन
अजा एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन चावल ग्रहण नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि एकादशी पर चावल ग्रहण करने से व्यक्ति अगले जन्म में रेंगने वाले जीव के रूप में जन्म लेता है।
अजा एकादशी के दिन तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। इस दिन वाद-विवाद भी न करें और न ही किसी को अपशब्द कहें।
इस दिन चोरी, क्रोध और झूठ बोलने आदि कार्यों से बचना चाहिए। अजा एकादशी पर भूलकर भी जुआ नहीं खेलना चाहिए।
एकादशी के दिन अन्न और जल का दान जरूर करना चाहिए। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।
इस दिन संभव हो, तो गंगा स्नान अवश्य करें। माना जाता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
अजा एकादशी पर मां लक्ष्मी की पूजा करें। यह बहुत शुभ होता है। इससे आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। साथ ही रात्रि में भजन, कीर्तन जरूर करें।