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1600 टन प्याज दिल्ली ला रही ‘कांदा एक्सप्रेस’, प्याज की किल्लत होगी दूर

‘Kanda Express’ : सरकार ने त्योहारों के दौरान प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए पहली बार बफर स्टॉक (भंडार) से 1,600 टन प्याज को महाराष्ट्र से दिल्ली तक रेलवे से भेजा जाएगा. जिससे आम लोगों को प्याज की कीमतों में कुछ राहत मिल सकती है, उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि एक विशेष ट्रेन (कांदा एक्सप्रेस) 20 अक्टूबर को महाराष्ट्र के लासलगांव रेलवे स्टेशन से रवाना होगी और 20 अक्टूबर को दिल्ली के किशनगंज रेलवे स्टेशन पर पहुंचेगी.

सरकार को उम्मीद है कि इस आपूर्ति से दिल्ली  में प्याज की कीमतों को स्थिर करने में मदद मिलेगी, बफर स्टॉक का प्याज वर्तमान में जहां 35 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बेचा जा रहा है, विभिन्न शहरों में 75 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया है. खरे ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक पहल है और लखनऊ, वाराणसी, असम, नगालैंड और मणिपुर सहित पूर्वोत्तर राज्यों में भी ऐसी व्यवस्था लागू की जाएगी.

नुकसान को कम करने के लिए सरकार लॉजिस्टिक कंपनी कॉनकॉर्ड के साथ भी  बातचीत कर रही है, प्याज की कीमतें कम करने के लिए प्याज की नीलामी मौजूदा बाजार दरों पर की जाएगी. सचिव ने कहा कि यह निर्णय लागत प्रभावी और कुशल उपाय है. उन्होंने कहा कि नासिक से दिल्ली तक एक ट्रेन (56 ट्रकों के बराबर) के परिवहन पर रेलवे 70.20 लाख रुपये खर्च करता है, जबकि सड़क मार्ग से 84 लाख रुपये खर्च करता है, इससे 13.80 लाख रुपये की बचत होती है.

केंद्र सरकार ने खुदरा कीमतों को कम करने के लिए 5 सितंबर से भंडार में रखे प्याज को रियायती दरों पर बेचने के लिए खुदरा कीमतों को तेज करने के लिए मोबाइल वैन, ई-कॉमर्स मंच, मदर डेयरी की सफल दुकानों और केन्द्रीय भंडार सहित विभिन्न माध्यमों से रियायती दरों पर बेचने का प्रयास किया है. दिवाली से पहले, खुदरा कीमतों को कम करने के लिए मोबाइल वैन की संख्या 600 से 1,000 बढ़ा दी जाएगी.

बफर स्टॉक के 4.7 लाख टन प्याज में से 91,960 टन NCCF तथा नेफेड को भेजे गए हैं, जबकि 86,000 टन कर्नाटक, गुजरात, गोवा, महाराष्ट्र, मणिपुर , बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को भेजे गए हैं. NCCF के प्रबंध निदेशक अनिस जोसेफ चंद्रा, उपभोक्ता मंत्रालय में संयुक्त सचिव अनुपम मिश्रा और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे. सरकार इन उपायों और महाराष्ट्र से आने वाली ताजा फसल की आवक से मूल्य स्थिरीकरण की उम्मीद कर रही है.

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