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ज्योतिरादित्य सिंधिया ने फैशन शो में बिखेरा जलवा, ऐरी सिल्क जैकेट पहनकर रैंप वॉक करने उतरे तो देखते रह गए लोग

Jyotiraditya Scindia Ramp Walk

Jyotiraditya Scindia Ramp Walk

Jyotiraditya Scindia Ramp walk Video: दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित अष्टलक्ष्मी महोत्सव (Ashtalakshmi Mahotsav) में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का एक अलग ही रूप देखने को मिला। महोत्सव में हुए फैशन शो में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रैंप वॉक किया। सिंधिया जैसे ही ऐरी सिल्क जैकेट पहनकर रैंप वॉक करने उतरे तो देखने वाले लोग दंग रह गए। केंद्रीय मंत्री ऐसे-ऐसे पोज दे रहे थे, जैसे कि प्रोफेशनल मॉडल हो। उनके इस टैलेंट को देखकर हर कोई दंग रह गया। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ सुकांत मजूमदार (Sukanta Majumdar)ने भी रैंप वॉक किया।

दरअसल अष्टलक्ष्मी महोत्सव में कारीगरों की प्रदर्शनी, राज्य-विशिष्ट मंडप समेत कई कार्यक्रम होते हैं। इसका उद्देश्य पारंपरिक हस्तशिल्प, हथकरघा में आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देना है।

बता दें कि पूर्वोत्तर के आठ राज्यों को अक्सर ‘अष्टलक्ष्मी’ या समृद्धि के आठ रूप भी कहा जाता है। अष्टलक्ष्मी महोत्सव पूर्वोत्तर क्षेत्र के जीवंत वस्त्र उद्योग, हस्तशिल्प और अद्वितीय उत्पादों को प्रदर्शित करने का अभूतपूर्व मंच है। महोत्सव में इन राज्यों के भौगोलिक संकेत (जीआई) उत्पादों को दिखाया जा रहा है।

महोत्सव में गोलमेज सम्मेलन का भी आयोजन
अष्टलक्ष्मी महोत्सव में विशेष निवेशक गोलमेज सम्मेलन का भी आयोजन किया गया। इसमें राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारियों, उद्यमियों, व्यापार जगत की हस्तियों और निवेशकों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य संवाद को बढ़ावा, निवेश के अवसरों की खोज और पूर्वोत्तर भारत के लिए अभिनव सहयोग को बढ़ावा देना है।

पीएम मोदी ने किया था उद्घाटन

यह फैशन शो तीन दिवसीय अष्टलक्ष्मी महोत्सव का हिस्सा था, जो पूर्वोत्तर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सेलिब्रेट करता है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया था। इसका उद्देश्य क्षेत्र के कपड़ा उद्योग, कारीगरी और अद्वितीय भौगोलिक संकेत (जीआई) उत्पादों को प्रदर्शित करना है। इसमें फैशन शो में क्षेत्रीय शैलियों का प्रदर्शन किया गया, जिसमें पूर्वोत्तर फैशन केंद्र में रहा।

क्या है अष्टलक्ष्मी महोत्सव

अष्टलक्ष्मी महोत्सव में कारीगरों की प्रदर्शनी, राज्य-विशिष्ट मंडप, तकनीकी सत्र और निवेशक सम्मेलन सहित कई कार्यक्रम शामिल होते हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य पारंपरिक हस्तशिल्प, हथकरघा, कृषि उत्पाद और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में आर्थिक अवसरों को बढ़ावा देना है। असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा और सिक्किम को ‘अष्टलक्ष्मी’ या समृद्धि के आठ रूप कहा जाता है। ये भारत के सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक ताने-बाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। यह महोत्सव जीवंत संगीत प्रदर्शनों और स्वदेशी व्यंजनों के माध्यम से क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी प्रदर्शित करता है। संस्कृति, रचनात्मकता और आर्थिक अवसरों के अपने अनूठे मिश्रण के साथ, अष्टलक्ष्मी महोत्सव पूर्वोत्तर भारत के लिए एक प्रमुख कार्यक्रम बनने के लिए तैयार है।

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