इस्लामाबाद : न्यायमूर्ति काजी फैज ईसा ने रविवार को पाकिस्तान के 29वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के तौर पर उनका कार्यकाल 13 महीने का होगा, जो 25 अक्टूबर, 2024 को समाप्त हो जाएगा।
63 वर्षीय न्यायमूर्ति ईसा को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने इस्लामाबाद के ऐवान-ए-सद्र में आयोजित एक समारोह में पद की शपथ दिलाई। इस कार्यक्रम में कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर, सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर, मंत्रियों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रहे।
शपथ ग्रहण में मौजूद रहा परिवार
शपथ ग्रहण समारोह के दौरान न्यायमूर्ति ईसा के साथ उनकी पत्नी सरीना ईसा भी वहां मौजूद थीं। दरअसल, एक प्रथा के मुताबिक, आमतौर पर ऐसे शपथ ग्रहण समारोहों के दौरान पति-पत्नी सहित परिवार के करीबी सदस्यों को आगे की पंक्ति में बैठाया जाता है।
सरीना, 2019 में सुर्खियों में आईं, जब टीवी चैनलों ने उन्हें 2019 में दायर एक मामले में कर अधिकारियों की जांच का सामना करते हुए दिखाया था। मामले में आरोप लगाया गया कि उनके पति ने लंदन में संपत्ति बनाई, जिसकी मालिक वह थीं। बाद में, न्यायमूर्ति ईसा और उनकी पत्नी दोनों को दोषमुक्त कर दिया गया। इसके बाद उन्होंने इमरान खान के नेतृत्व वाली तत्कालीन पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार पर कुछ मामलों में प्रतिष्ठान के खिलाफ फैसले देने के लिए न्यायाधीश को निशाना बनाने का आरोप लगाया था।
2019 में मुसीबत में फंसे थे ईसा
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, न्यायमूर्ति ईसा को स्वतंत्र विचारों वाला माना जाता है। उनके 2019 के फैसले ने फैजाबाद में एक धार्मिक पार्टी के धरने पर शक्तिशाली प्रतिष्ठान को निशाना बनाया, जिससे पूरे शहर में हलचल मच गई थी और वह मुसीबत में पड़ गए। उनके खिलाफ कथित भ्रष्टाचार का मामला दायर किया गया था, लेकिन बाद में इसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।