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यूक्रेनी सेना की जुगाड़ तकनीक, छह AK-74 को जोड़कर बनाया देसी ड्रोन किलर हथियार, देखें फायरिंग

hathiyaar

कीव: रूस के खिलाफ यूक्रेनी सेना जी-जान लगाकर लड़ रही है। उसे नाटो देशों से लगातार हथियार मिल रहे हैं। इसके बावजूद भी उनकी इतनी मात्रा नहीं हैं कि यूक्रेनी सेना की सभी जरूरतों को पूरा कर सकें। यही कारण है कि यूक्रेनी सेना अब जुगाड़ तकनीक पर निर्भर होने लगी है। इसका ताजा सबूॉत हाल में ही एक वीडियो में देखने को मिला है। इसमें छह एके-74 असाल्ट राइफलों को जोड़कर बनाया गया एक नया देसी हथियार दिखाया गया है। यूक्रेनी सेना इसे रूसी ड्रोन के खिलाफ इस्तेमाल कर रही है। यह देखने में किसी मल्टीबैरल मशीनगन जैसे है, जिसमें लगे सभी राइफल एक ट्रिगर से फायरिंग करने में सक्षम है

वीडियो में क्या नजर आया

7 जुलाई से सोशल मीडिया में शेयर हो रहे इस वीडियो में एक खेत के किनारे पर रखा हुआ यह देसी हथियार नजर आ रहा है। इसमें सभी एके-74 राइफलों को राउंड शेप में एक लोहे के फ्रेम में सेट किया गया है। इस देसी हथियार को खेत के किनारे एक ट्राइपॉड पर रखा गया है। इस दौरान आसमान में एक ड्रोन नजर आता है, जिस पर इस हथियार को ऑपरेट कर रहा शख्स फायरिंग शुरू कर देता है। वीडियो से यह साफ नहीं हो पा रहा है कि वह ड्रोन फायरिंग में गिर रहा है या फिर बच निकलने में कायमब होता है।

रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष को शुरू हुए 17 महीने बीच चुके हैं। इस दौरान दोनों देशों की सेनाओं ने फ्रंट लाइन पर अपनी जरूरतों के हिसाब के कुछ इनोवेशन भी किए हैं। ऐसा हर देश की सेनाएं करती हैं, लेकिन यूक्रेन के लिए इसे खास बताया जा रहा है। वायरल हो रहे वीडियो में छह एके-74 असॉल्ट राइफलों से युक्त उपकरण को यूक्रेनी फोर्सेज ड्र्रोन के खिलाफ अभियानों में इस्तेमाल कर रही है। इस देसी हथियार में एक सेंट्रल चार्जिंग हैंडल लगा हुआ है, जो सभी राइफलों के एक निशाने पर फायर करने की सहूलियत देता है।

AK-74 राइफल के बारे में जानें

AK-74 को 1970 के दशक में AK-47 के रिप्लेसमेंट के तौर पर पेश किया गया था। यूक्रेनी सेना AK-74 राइफल का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करती है। AK-74 को आसानी से ठंडे इलाकों में ऑपरेट किया जा सकता है, जो यूक्रेन के वातावरण के हिसाब से काफी उपयुक्त है। इसकी लंबी स्ट्रोक गैस पिस्टन सिस्टम अत्याधिक ठंडी परिस्थितियों में विशेष रूप से प्रभावी है। इस वीडियो में एक अन्य व्यक्ति को डेग्त्यारियोव डीपी-27 मशीन गन से फायरिंग करते हुए देखा जा सकता है। यह द्वितीय विश्व युद्ध के पहले का एक पुराना डिजाइन है, जिसे अभी भी यूक्रेन में इस्तेमाल किया जा रहा है।

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