रायपुर : हाल ही में डॉ. अंकुर सिंघल जो कि रामकृष्ण केयर हॉस्पीटल में ज्वाइंट रिप्लेसमेन्ट सर्जन है ने 84 वर्षीय मरीज सफलतापूर्वक दोनों घुटनों का ऑपरेशन एक साथ किया। विगत 2019 को भिलाई से आये 84 वर्षीय मरीज का दोनों घुटनों का सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण डॉ. अंकुर सिंघल द्वारा रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल में किया गया।
इस ऑपरेशन की खास बात यह थी कि इस मरीज की न सिर्फ उम्र ज्यादा थी एवं उनका हार्ट का बायपास भी पूर्व में हो चुका था। वह न सिर्फ ऑस्टियोआर्थोटिस नामक घुटने की बीमारी से वह लगभग 15 वर्ष से ग्रसित थे बल्कि उनकी दायीं जांघ की हड्डी धनुष के समान टेढ़ी थी। जो उनको 30 वर्ष पुरानी चोट के कारण हुई थी। घुटनों की बीमारी के कारण वह अपना घरेलू कामकाज भी नहीं कर पा रही थी एवं उनका घर से बाहर जाना भी असंभव हो गया था। घुटने की बीमारी के कारण उनको चलने-फिरने में परेषानी हो रही थी एवं वह लंगड़ा कर चल रही थी।
हाई रिस्क एवं जटिल ऑपरेषन होने के कारण उसका कहीं भी ऑपरेशन संभव नहीं हो पा रहा था। इस बीमारी के चलते उन्होंने जोड़ रोग विषेषज्ञ डॉ. अंकुर सिंघल को भिलाई में दिखाया जो कि भिलाई में नियमित रूप से अपनी ओपीडी करने आते है, उनके प्रोत्साहन से उन्होंने दोनों घुटनों का ऑपरेशन 2019 में करवाया जो कि सफल रहा। ऑपरेशन के 5वें दिन बिना सर्पोट के चलाया गया। जिस दर्द को वह 15 वर्षों से सहन कर रही थी वह पूरी तरह से गायब हो गया और उनके दोनों पैर पूरी तरह से सीधे हो गये। आज वह बिना दर्द के लगभग 2 कि.मी. आसानी से चल लेती है और बाहर भी आ-जा सकती है एवं घरेलू कामकाज करने में भी कोई परेषानी नहीं हो रही है।
डॉ. अंकुर सिंघल मध्यप्रदेश से हैं तथा उन्होंने अपनी स्नातक तथा स्नातकोत्तर उपाधियां बंबई से प्राप्त की है। एम.एस. करने के पश्चात उन्होंने डॉ. विकम शाह और डॉ. जे पछौर के साथ अहमदाबाद के शेलबी अस्पताल में कार्य किया। वे अब तक 5000 से अधिक जोड़ प्रत्यारोपण कर चुके हैं तथा अब छत्तीसगढ़ डेन्टल हॉस्पिटल एवं रामकृष्ण केयर मल्टीस्पेशिलिटी हॉस्पिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उनका लक्ष्य है रायपुर को एक जोड़ प्रत्यारोपण का हब के रूप में विकसित करना है। तथा वे सभी प्रकार की प्राथमिक, हिला जटिल और पुनः प्रत्यारोपण सर्जरी कर रहे हैं।