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जमीयत उलेमा ए हिन्द फिर खटखटाया सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा, चीफ जस्टिस ने लगाई फटकार

मुंबई : विपुल शाह और सुदीप्तो सेन की फिल्म द केरल स्टोरी को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। ट्रेलर रिलीज के बाद से फिल्म विवादों में घिरी हुई है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर लोग भी दो धड़ों में बंट चुके हैं। कुछ लोग इसका समर्थन कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोग इसके विरोध में हैं। फिल्म की रिलीज रोकने के लिए एक गुट ने कोर्ट का दरवाजा खटखाया था। कोर्ट ने इसपर सुनवाई करने से इंकार करते हुए उनको हाईकोर्ट जाने का आदेश दिया था। अब जमीयत उलेमा ए हिंद के वकील ने एक बार फिर फिल्म के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

जमीयत उलेमा ए हिंद के लोगों का कहना है कि केरल हाईकोर्ट इस मामले पर तुरंत सुनवाई नहीं कर रहा है। यह फिल्म शुक्रवार यानि 5 मई को रिलीज हो जाएगी ऐसे में सुप्रीम कोर्ट आज ही सुनवाई का निर्देश दे। जमीयत उलेमा ए हिंद की याचिका पर चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने इसपर अपनी बात रखी है।

डी वाई चंद्रचूड़ का कहना है कि इस मामले में हाईकोर्ट अपना शुरुआती विचार रख चुका है। अगर उसे रोक लगानी होती तो अब तक लगा दी होती। आप बार-बार रोक की मांग कर रहे हैं, लेकिन आपको यह भी सोचना चाहिए कि फिल्म के निर्माता समेत इस से जुड़े दूसरे लोगों ने भी काफी मेहनत की है। आपको जल्द सुनवाई चाहिए तो इसकी मांग हाईकोर्ट में ही रखिए।

बता दें कि द केरल स्टोरी को लेकर एक वर्ग ने आपत्ति जताई है। उन्होंने इसे प्रोपगेंडा बताया है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और थिरूवनंतपुरम के एमपी शशि थरूर ने फिल्म पर राज्य का नाम खराब करने का आरोप लगाया। फिल्म को लेकर दायर की गई याचिका में इसपर रोक लगाने की मांग की गई थी और कहा गया था कि फिल्म में डिस्क्लेमर होना चाहिए कि ये कल्पना पर आधारित है।

बीते कुछ समय पहले रिलीज हुए द केरल स्टोरी के ट्रेलर में दिखाया गया है कि केरल की 32,000 हिंदू और ईसाई लड़कियों की जिन्हें कथित तौर पर लव जिहाद में फंसाया गया। फिल्म के निर्माता यह दावा कर रहे हैं कि यह सच्ची घटनाओं पर आधारित है।

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