हिंदू धर्म में श्रृंगार का विशेष महत्व है। महिलाओं का सोलह श्रृंगार करना आवश्यक माना गया है। ऐसा केवल धार्मिक कारणों की वजह से नहीं है, क्योंकि इसके पीछे वैज्ञानिक तर्क भी हैं।
ज्योतिष की मानें तो महिलाओं का श्रृंगार करने से ग्रहों की स्थिति ठीक रहती है। वहीं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह कई तरह के स्वास्थ्य लाभ देता है। सोलह श्रृंगार में बिछिया भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। बिछिया महिलाएं पैरों में पहनती हैं, लेकिन मन में यह सवाल आता है कि आखिर कितने बिछिया पैरों में पहने जा सकते हैं। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स ने विस्तार से इस बारे में बताया है।
कितनी उंगलियों में पहननी चाहिए बिछिया?
यह देखा जाता है कि महिलाएं शादी के बाद पैरों की सभी उंगलियों में बिछिया पहन लेती हैं, लेकिन हिंदू धर्म की मानें तो बिछिया पैर केवल की केवल एक ही उंगली में पहनना चाहिए।
हिंदू धर्म में साफ बताया गया है कि सुहागिन महिलाओं को ही बिछिया पहनना चाहिए। वह बिछिया सिर्फ किसी पैर की अंगूठे के पास वाली उंगली में पहन सकती हैं, लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि बिछिया सोने का नहीं होना चाहिए। हिंदू धर्म में सोने को पैरों में पहनना अशुभ माना जाता है।
हिंदू धर्म में अंगूठे के पास वाली उंगली में बिछिया पहने को कहा गया है। उसका कारण है कि इस उंगली में बिछिया पहनने से आपके नव ग्रह शांत हो जाते हैं। उनका कृपा आप पर बरसती है।