युक्तियुक्तकरण में गड़बड़ी : 7 साल से गैरहाजिर शिक्षिका को अब तक मिल रहा वेतन, नियमित पढ़ाने वाली शिक्षिका का कर दिया तबादला

बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इसके तहत 543 स्कूलों में 350 से अधिक शिक्षकों का समायोजन किया जा रहा है लेकिन इसके बावजूद जिले के कई स्कूल आज भी शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला पलारी विकासखंड के ग्राम भुरवाडीह स्थित प्राथमिक शाला से सामने आया है। इस स्कूल में लगभग 40 छात्र अध्ययनरत हैं। यहां पर तीन शिक्षकों की पदस्थापना की गई है। दो महिला सहायक शिक्षक और एक प्रधान पाठक लेकिन वास्तविकता यह है कि, इनमें से केवल दो शिक्षक ही बच्चों को पढ़ाने आते हैं।
7 सालों से नदारद शिक्षिका को मिल रहा वेतन
चौंकाने वाली बात यह है कि, सहायक शिक्षिका मंजू जांगड़े पिछले सात सालों से स्कूल ही नहीं आ रही हैं। फिर भी उनका वेतन नियमित रूप से इसी स्कूल से जारी हो रहा है। दूसरी ओर, अनीता डहरिया, जो नियमित रूप से स्कूल आकर बच्चों को पढ़ा रही थीं, उन्हें युक्तियुक्तकरण के तहत किसी अन्य स्कूल में स्थानांतरित कर दिया गया है।
फैसले से नाराज ग्रामीणों ने डीईओ को लिखा पत्र
इस फैसले से नाराज ग्रामवासियों और ग्राम पंचायत के सरपंच ने जिला शिक्षा अधिकारी को शिकायत पत्र भेजकर मांग की है कि मंजू जांगड़े, जो सात साल से अनुपस्थित हैं को स्थानांतरित किया जाए। जबकि अनीता डहरिया को इसी स्कूल में रहने दिया जाए।
बीईओ और जिला शिक्षा अधिकारी की निष्क्रियता पर भी उठ रहा सवाल
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि, जिले के कई ट्रस्थ स्कूलों में शिक्षक तो पदस्थ हैं लेकिन वे स्कूल नहीं आते, सिर्फ वेतन लेते हैं। इस पूरे मामले में संकुल प्रभारी, बीईओ (ब्लॉक शिक्षा अधिकारी) और जिला शिक्षा अधिकारी की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं, क्योंकि सात वर्षों तक किसी ने भी मंजू जांगड़े को नोटिस जारी कर कारण नहीं पूछा। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि, ऐसे मामलों में राजनीतिक प्रभाव, भ्रष्टाचार और अधिकारियों की मिलीभगत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।